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भारत-नेपाल के बीच का संबंध अति प्राचीन और गौरवशाली है। दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का संबंध कहलाता है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच आने-जाने के लिए पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं होती है। इतना ही नहीं, भारत ही नहीं तीसरे किसी भी देश से नेपाल की ओर से आयातित सामानों के लिए नेपाल, भारत के बंदरगाह का उपयोग करते हुए भारतीय सड़क मार्ग से अपने देश में समान मंगवाता है।
भारत-नेपाल के बीच सुगौली और पारगमन संधि के अनुसार, भारतीय बंदरगाह से आयातित सामान बड़े मालवाहक वाहनों से नेपाल बिहार के जोगबनी और रक्सौल सीमा के रास्ते अपने यहां इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के जरिए पहुंचता है। लेकिन जोगबनी के रास्ते तत्काल अब बड़े वाहन नेपाल प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
लोहे का पुल एक साइड में धंसा, बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक
दरअसल जोगबनी और बथनाहा के बीच परमान नदी पर बना अंग्रेजों के समय का लोहे का पुल एक साइड में धंस गया है। इस वजह से बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। केवल छोटे वाहनों को ही पुल से होकर गुजरने का आदेश जिला प्रशासन की ओर से दिया गया है।अधिकारियों के दिशा निर्देश पर पुल का मरम्मत का काम शुरू करने की कवायद भी शुरू हो गयी है। फारबिसगंज से जोगबनी जाने वाली सड़क मार्ग NH57A पर मीरगंज में यह रेल पूल है।
टेक्निकल टीम से पुल की करायी जाएगी जांच
पुल निरीक्षण को पहुंचे फारबिसगंज एसडीओ सुरेन्द्र कुमार अलबेला ने बताया कि पुल की स्थिति के संबंध जायजा लिया जा रहा है। पुल के हालात को देखते हुए तत्काल से ही बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है और केवल छोटे वाहनों को ही प्रवेश करने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि उनके साथ कस्टम के साथ NHAI के अधिकारी भी आए हुए हैं, उन्होंने भी पुल का जाएजा लिया है। साथ ही एक टेक्निकल टीम ने पुल के वर्तमान स्थिति का अध्ययन करवाया जाएगा। उन्होंने शीघ्र ही समस्या का निराकरण कर लिए जाने की बात कही।
Araria News : जोगबनी के रास्ते नेपाल जाने वाले बड़े वाहनों के परिचालन पर लगी रोक, जानिए वजह
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