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छात्र नेता छोटू सिंह ने बताया कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का अस्तित्व खतरे में है और हम सभी आवेदन पर आवेदन देते हुए घूम रहे हैं। यहां किसी को विश्वविद्यालय के अस्तित्व की चिंता नहीं है। बिहार सरकार मनमानी कर रही है। राज पांडेय ने बताया की विश्वविद्यालय को तीन खंडों में बंटने से छात्रों को आर्थिक मानसिक और शारिरिक रूप से शोषण होगा, जो व्यवहारिक रूप से ठीक नहीं है।
विश्वविद्यालय संयोजक चंदन तिवारी ने कहा कि छात्रों के परेशानी को अगर नजरअंदाज किया जाएगा, तो विद्यार्थी परिषद सड़क से सदन तक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने आरा पहुंचे केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह को विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। छात्र नेता विश्वविद्यालय की जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाने से काफी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज बनाने से विश्वविद्यालय का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा।
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