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जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की रणनीति न सिर्फ मुंगेर में फेल हुई बल्कि उसका असर पटना तक दिखा। उनके संसदीय क्षेत्र मुंगेर का एक हिस्सा पटना जिले में आता है। मोकामा और बाढ़ जैसे इलाके ललन सिंह के क्षेत्र मुंगेर में ही आते हैं। मोकामा के विधायक अनंत सिंह से ललन सिंह के रिश्ते भी किसी से छिपी नहीं है। विधान परिषद के इस चुनाव में अनंत सिंह ने ही अपने करीबी कार्तिकेय सिंह को आरजेडी का उम्मीदवार बनवाया था। मास्टर कार्तिक चुनाव जीत भी गए। पटना विधान परिषद क्षेत्र में तो जेडीयू के वाल्मीकि सिंह तीसरे नंबर पर रहे। मुंगेर के साथ-साथ पटना से सूपड़ा साफ हो गया।
लालू को ‘छोटे सरकार’ ने दिया था भरोसा
राजनीतिक प्रतिष्ठा वाली पटना सीट पर मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार पर लालू यादव ने भरोसा जताया। आरजेडी एमएलए के करीबी कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्टर साहेब की उम्मीदवारी पर आरजेडी ने मुहर लगाई थी। 2005 से ही कार्तिक और अनंत की दोस्ती है। अनंत सिंह के अहम चुनावी रणनीतिकार के रूप में भी कार्तिक मास्टर की पहचान है। अनंत सिंह उन्हें ‘मास्टर साहेब’ कहकर बुलाते हैं। वैसे सियासत की राह पकड़ने से पहले कार्तिकेय सिंह स्कूल में पढ़ाते थे। वो एक शिक्षक थे। यही वजह रही कि उनके नाम के साथ ‘मास्टर’ शब्द जुड़ गया। कार्तिकेय सिंह भी मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है। कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार से मुखिया हैं।
आखिर कैसे गड़बड़ाया जेडीयू का मैनेजमेंट?
पटना विधान परिषद सीट जीतने की गारंटी लालू यादव को अनंत सिंह ने दिया था। इसके बाद सियासी गोटियां सेट करने में माहिर लालू यादव ने कैलकुलेशन के बाद कार्तिकेय कुमार के नाम की खुद घोषणा की। इधर, जेडीयू के भूमिहार नेताओं से अनंत सिंह का छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपी नहीं है। अनंत सिंह फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। मोकामा से आनेवाले जेडीयू के कुछ नेता अनंत सिंह को मात देने की जुगत में लगे रहे, मगर बाजी छोटे सरकार के हाथ लगी। आमतौर पर माना जाता है कि पटना और उसके आसपास का इलाका बीजेपी का गढ़ है। मगर, एनडीए की ओर से जेडीयू उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह तीसरे नंबर पर खिसक गए।
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