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दिवंगत IAS अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी।
– फोटो : ANI
विस्तार
पूर्व आनंद मोहन की रिहाई पर दिवंगत IAS अधिकारी जी. कृष्णैय्या (तत्कालीन डीएम, गोपालगंज) की पत्नी उमा देवी ने बड़ा बयान दिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान वह दुखी दिखीं। उन्होंने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। पहले उसे (आनंद मोहन) मौत की सजा हुई थी। फिर बाद में आजीवन कारावास हुआ। इसके बाद नियम में संशोधन कर बाहर लाना। अच्छा डिसीजन नहीं है। अच्छा नहीं लग रहा है। गलत रहा है। बिहार में कास्ट पॉलिटिक्स है ही। वह राजपूत है और उसके बाहर आने से उसको राजपूत वोट मिलेगा। इसलिए उसे बाहर लाया है। क्रिमिनल को बाहर लाने की क्या जरूरत है। वह भी मुख्यमंत्री इसमें इनवॉल्व हुए। इलेक्शन में राजपूतों का वोट मिलेगा। इसलिए बाहर लाया गया है। केवल वोटबैंक के लिए उसको बाहर लाया गया। बिहार में तो ऐसा चलता रहेगा।
जी कृष्णैया के परिवार से बहुत सहानभूति है
बता दें कि मंगलवार सुबह ही आनंद मोहन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि जी कृष्णैया के परिवार से बहुत सहानभूति है। इस पूरे कांड में दो परिवार तबाह हुआ। एक जी कृष्णैया जी का और दूसरा लवली आनंद का है। इतना ही नहीं आनंद मोहन ने अपनी रिहाई पर सवाल उठाने वालों पर आनंद मोहन ने जमकर निशाना साधा थ। उन्होंने रिहाई के सवाल का जवाब देते हुए मीडिया के सामने गुजरात का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कहने के लिए कोई कुछ भी कह सकता है। गुजरात में भी नीतीश कुमार और राजद के दबाव में कुछ फैसला हुआ है। वहां माला पहना कर कुछ लोग छोड़े गए हैं। उसे भी देख लीजिए।
सरकार कर्मचारी की हत्या वाले वाक्यांश विलोपित
दरअसल, 10 अप्रैल को बिहार सरकार ने बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम 481 (I) (क) बदलाव किया था। इसके बाद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। दरअसल, बिहार सरकार कारा हस्तक से उस वाक्यांश को ही विलोपित कर दिया था जिसमें सरकार कर्मचारी की हत्या का जिक्र था। बिहार सरकार ने कारा अधिनियम 1894 की धारा 59 एवं दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का 2) की धारा 432 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार कारा हस्तक 2012 में अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से यह संशोधन किया था। आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के आरोप अपनी सजा पूरी कर चुके हैं।
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