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बता दें कि अमित मालवीय ने बिहार सरकार के फैसले की कॉपी को ट्वीट करते हुए लिखा था- ‘नीतीश सरकार के लिए शर्म की बात है। सरकारी ऑफिसर की ड्यूटी के दोरान हत्या के दोषी की रिहाई के लिए 2012 के जेल मैनुअल में बदलाव किया गया है। आरजेडी के नेता ने दलित IAS जी कृष्णैया की हत्या की है।’
Bihar News: अतीक को शहीद बताये जाने पर भड़के विजय सिन्हा, आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश पर बोला हमला
बता दें कि जेल से रिहा होने वाले कैदियों की लिस्ट में आनंद मोहन का नाम 11वें पायदान पर है। आनंद मोहन फिलहाल बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद की शादी के लिए पैरोल पर हैं। हत्या के मामले में 14 साल जेल की सजा काट चुके पूर्व सांसद को अच्छे व्यवहार के आधार पर रिहा किया जाना है। इसके साथ ही औपचारिकताएं पूरी करने के लिए वह 25 अप्रैल को जेल लौट आएंगे और अंत में 26 अप्रैल को बाहर आएंगे।
गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णया की हत्या उस समय हुई जब अंडरवल्र्ड डॉन छोटन शुक्ला के शव को श्मशान घाट ले जा रहे उनके समर्थकों ने उनकी कार पर हमला कर दिया और पीट-पीटकर मार डाला।
एक ट्रायल कोर्ट ने बाहुबली नेता को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन उन्होंने पटना हाईकोर्ट में अपील की, जिसने मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की थी लेकिन इसने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। आनंद मोहन के अलावा, 26 और लोगों को रिहाई के लिए निर्धारित किया गया, जिसमें एक अन्य बाहुबली नेता राज बल्लभ यादव भी शामिल हैं, जो दुष्कर्म के एक मामले में जेल की सजा काट रहे हैं।
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