[ad_1]
Bihar Politics: शनिवार को बिहार में जमकर बयानों के मिसाइल छोड़े गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चंपारण के लौरिया से महागठबंधन सरकार पर निशाना साध रहे थे, तो 400 किलोमीटर दूर पूर्णिया से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ आग उगल रहे थे।
नीतीश केंद्र के पैसे का इस्तेमाल नहीं कर पाते
बिहार को विशेष दर्जा देने की रट लगाने वाले नीतीश कुमार की पोल शाह ने यह बता कर खोली कि केंद्र से मिले धन का वे सदुपयोग नहीं कर पाते। अमित शाह ने बताया कि केंद्र सरकार ने बिहार के लिए 1500 करोड़ रुपए दिए, लेकिन नीतीश ने जमीन ही मुहैया नहीं कराई। बिहार के विकास में नीतीश कुमार को अमित शाह ने सबसे बड़ा रोड़ा बताया और उसे जस्टीफाई भी किया।
शराब सै मौतें यानी शराबबंदी फेल है
बिहार में बढ़ते अपराध और शराब से होने वाली मौतों के लिए भी अमित शाह ने अपरोक्ष तौर पर नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उनका तर्क था कि शराबबंदी को सफल बता कर नीतीश अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं। लेकिन उनकी शराबबंदी की पोल तब खुल जाती है, जब जहरीली शराब से बिहार में मौतें होती हैं। बेलगाम अपराध पर शाह की चिंता भी झलकी। सच तो यही है कि बिहार में शराबबंदी के कई दुष्परिणाम भी रहे हैं। गांव-शहर सब जगह शराब की बेधड़क सप्लाई जारी है। जहरीली शराब बनाने-बेचने वालों के धंधे पर भी कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। जहरीली शराब से हर साल दर्जनों मौतें हो रही हैं।
नीतीश की ‘पलटू’ छवि को रेखांकित किया
अमित शाह ने नीतीश की आलोचना के साथ उनकी पलटू राम वाली छवि को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नीतीश आजीवन कांग्रेस और आरजेडी के विरोध में लड़ते रहे। आज उन्हीं की गोद में बैठ गये हैं। यह कह कर शाह ने नीतीश को सिद्धांत विहीन साबित करने की कोशिश की। सच भी है कि लालू-राबड़ी के शासन को जंगलराज बता कर ही नीतीश कुमार सत्ता में आए थे। वे हमेशा यह भी बताते रहे कि लालू-राबड़ी के शासन में बिहार पिछड़ गया था। अब भी नीतीश की जुबान से यह निकलता रहता है कि पहले क्या होता था और आज क्या हुआ या हो रहा है,यह सबको पता है।
बिहार में जंगल राज लोगों को पसंद नहीं
अमित शाह ने कहा कि बिहार को जंगल राज से मुक्त कराने के लोग बेचैन हैं। यह तो चुनाव के परिणाम आने पर ही पता चलेगा कि लोग जंगल राज से मुक्ति चाहते हैं या बीजेपी के बजाय जंगल राज की संरक्षक सरकार में शामिल दलों के साथ जाते है। पर, इतना तो सच ही है कि पटना राजधानी और जिला क्षेत्र में हाल के दिनों में जिस तरह अपराधियों ने तांडव मचाया है, उसे देखते हुए दबी जुबान जंगल राज रिटर्न की चर्चा करने लगे हैं।
रिपोर्ट: ओमप्रकाश अश्क
(अगर आप राजधानी पटना जिले से जुड़ी ताजा और गुणवत्तापूर्ण खबरें अपने वाट्सऐप पर पढ़ना चाहते हैं तो कृपया यहां क्लिक करें। )
आसपास के शहरों की खबरें
नवभारत टाइम्स न्यूज ऐप: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
[ad_2]
Source link