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रिपोर्ट – प्रियांक सौरभ
मुजफ्फरपुर. ‘राम नाम सत्य है..’ एक अर्थी श्मशान जाती हुई दिखती है और जिसकी भी नजर पड़ती है, वह मृतक को नमन करता हुआ गुजर जाता है. दाह संस्कार के लिए कफन ओढ़ाकर अर्थी पर शव को श्मशान घाट ले जाया जा रहा है, यही समझा जाता है. हर जगह आमतौर पर ऐसा ही होता है. लेकिन मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र में अर्थी और दाह संस्कार की आड़ में अवैध शराब का खेल चल रहा था. पुलिस ने आनन फानन में छापेमारी तो की लेकिन ये तस्कर हाथ नहीं आ सके. चौंकिए मत, आपको पूरा मामला बताते हैं.
हर गांव की तरह मुजफ्फरपुर के सदर क्षेत्र के माधोपुर सुस्ता गांव में भी श्मशान है. यहां कुछ लोग अर्थी सजाकर ‘राम नाम सत्य है’ दोहराते हुए श्मशान घाट आते थे. दरअसल पूरे तामझाम के साथ अर्थी पर शराब बनाने का सारा सामान श्मशान घाट पहुंचता था और घाट के पास झाड़ियों के बीच भट्टी पर शराब तैयार की जाती थी. घंटे-दो घंटे में तैयार शराब करके रात की रात ये लोग चुपके से निकल जाते थे. आइडिया तो कमाल का था, पर खुलासा कैसे हुआ?
कैसे हुआ शक? कैसे हुई छापेमारी?
माधोपुर सुस्ता के गमीणों को ही शक हुआ. शक न होता अगर तस्कर ज्यादा जल्दबाजी या उतावली न दिखाते. दरअसल अवैध शराब का सामान श्मशान तक ले जाने के लिए जो अर्थी निकाली जा रही थी, वह लगभग हर शाम ही निकलने लगी. कुछ लोगों ने जब नजर टिकाई तो भनक लगी कि दाल में कुछ काला है. तब लोगों ने पुलिस को इसकी खबर कर दी.
वाकई गांव में हर शाम अर्थी कैसे निकल रही थी, वह भी एक महीने से! फिर क्या था! स्थानीय सदर थाने ने देर रात को छापेमारी कर श्मशान घाट के पास झाड़ियों से शराब बनाने का सामान जब्त कर लिया. हालांकि तस्कर फरार हो गएण् सदर थानाध्यक्ष सत्येंद्र मिश्रा ने बताया सूचना मिलने पर भट्टी को तोड़कर शराब का सामान और कुछ शराब भी जब्त की गई. तस्करों की पहचान की जा रही है.
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टैग: बिहार शराब तस्करी, अवैध शराब, Muzaffarpur news
पहले प्रकाशित : 30 मार्च, 2023, दोपहर 12:23 IST
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