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बहादुरगंज विधायक अंजार नईमी
वहीं, बहादुरगंज विधायक अंजार नईमी का राजनीति से कोई लेना देना नहीं था, लेकिन लोग उनको एक व्यवहार कुशल नेता मानते हैं। ईंट-भट्ठों के मालिक तथा कारोबारी पूंजीपति अंजार नईमी ने 2020 विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम की ओर से टिकट प्राप्त किया। उस वक्त बहादुरगंज विधानसभा सीट से एआईएमआईएम के कई दावेदार थे। किंतु अंत मे अंजार नईमी को पार्टी ने टिकट दिया। उस वक्त कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे, जिसमे पैसों के बदले एआईएमआईएम टिकट दे रही है, ऐसा दिखाया जा रहा था। अंजार नईमी को एआईएमआईएमएम की टिकट मिलने के बाद भी चुनाव में काफी मशक्कत करनी पड़ी। 2020 में ओवैसी की सीमांचल में हवा चल रही थी, इसी का फायदा अंजार नईमी को भी मिला। पहली बार चुनाव लड़ने वाले अंजार नईमी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और चार बार विधायक रहे बहादुरगंज विधायक तौसीफ आलम को पछाड़कर जीत हासिल की।
आमने-सामने थे दो भाई
कुछ इसी तरह की हवा जोकीहाट विधानसभा में भी चली। जहां आरजेडी से चुनाव लड़ रहे दबंग और दिग्गज नेता सरफराज आलम को उनके अपने भाई शाहनवाज ने पटखनी दे दी। सरफराज और शाहनवाज, दोनों सीमांचल के कद्दावर राजनेता मरहूम तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं। तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद वर्ष 2018 में हुए उपचुनाव में अररिया लोकसभा सीट पर तस्लीमुद्दीन पुत्र सरफराज आलम लड़े और जीते भी। उस वक्त सरफराज जोकीहाट से विधायक थे, उन्हें सहानुभूति वोट भी खूब मिला था जिसके फलस्वरूप जीत हासिल की थी और जोकिहाट विधानसभा सीट अपने छोटे भाई शाहनवाज के लिए छोड़ दी। जहां हुए उपचुनाव में शाहनवाज ने आरजेडी के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे।
इधर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में बड़े भाई सरफराज आलम बीजेपी के प्रदीप सिंह से चुनाव हार गए। जिसके बाद साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जोकीहाट विधानसभा सीट सरफराज और शाहनवाज दोनों भाई आरजेडी के टिकट के लिए आपस में ही उलझ गए। लेकिन आरजेडी ने सरफराज पर भरोसा जताते हुए उसे टिकट दिया। जबकि शाहनवाज असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल कर सीट पर कब्जा कर लिया। ओवैसी की हवा में दिग्गज सरफराज आलम चारों खाने चित्त हो गए। शाहनवाज जोकीहाट से विधायक बने।
आरजेडी के हाजी सुभान को पटखनी देकर सैयद रुकनुद्दीन बने विधायक
सैयद रुकनुद्दीन बायसी से विधायक थे। 2020 विधानसभा चुनाव में सीमांचल में चल रही AIMIM की हवा में आरजेडी के दिग्गज नेता हाजी सुभान को पटखनी देकर सैयद रुकनुद्दीन विधायक बने। इससे पूर्व भी एक बार वो बायसी से विधायक रह चुके हैं। उस वक्त उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए बीजेपी प्रत्याशी को हराया था। सैयद रुकनुद्दीन जेडीयू के किशनगंज लोकसभा से प्रत्याशी रह चुके दिवंगत महमूद अशरफ के दामाद हैं।
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