Home Bihar Agnipath Scheme : विधायकों पर हमले, पार्टी दफ्तर को फूंका… बिहार में ‘अग्निपथ’ की आंच में झुलस रही BJP, नीतीश मौन

Agnipath Scheme : विधायकों पर हमले, पार्टी दफ्तर को फूंका… बिहार में ‘अग्निपथ’ की आंच में झुलस रही BJP, नीतीश मौन

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Agnipath Scheme : विधायकों पर हमले, पार्टी दफ्तर को फूंका… बिहार में ‘अग्निपथ’ की आंच में झुलस रही BJP, नीतीश मौन

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पटना : बिहार में अग्निपथ ( Agnipath Scheme ) पर बवाल जारी है। आरा से लेकर छपरा तक जमकर बवाल हुआ। छपरा में उग्र आर्मी अभ्यर्थियों ने 3 ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, पूरे बिहार में 5 ट्रेनों को आग के हवाले किया गया है। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने बीजेपी के दो-दो विधायकों पर हमला बोला। नवादा में बीजेपी ऑफिस में तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया। मधुबनी से भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। इस पूरे प्रकरण पर बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ( Bihar CM Nitish kumar ) चुप हैं। हालांकि मंत्रिमंडल में उनके सहयोगी विजेन्द्र यादव ने साफ कर दिया कि इस योजना से बिहार सरकार का कई संबंध नहीं है।

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश सरकार में मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि अग्निपथ स्कीम से जुड़ा मसला बिहार सरकार का नहीं है। खैर यहां तक तो सब ठीक है। लेकिन बिहार में दो दिन से जो हो रहा है, वह तो बिहार से जुड़ा हुआ है। सत्ताधारी पार्टी के दो-दो विधायकों पर हमला, बीजेपी ऑफिस में तोड़फोड़ और आगजनी, प्रदर्शन का ब्रेक फेल होना भी बिहार से जुड़ा हुआ है, लेकिन इस मसले में जेडीयू के किसी भी नेता ने कुछ भी नहीं कहा। तो इसका मतलब क्या निकाला जाए? जबकि बिहार में जेडीयू की सरकार बीजेपी की समर्थन से चल रही है। वहीं, दूसरे बीजेपी शासित राज्यों ने नौजवानों के गुस्से को शांत करने के लिए प्रदेश स्तर पर होनेवाली नियुक्तियों में अग्निवीरों को कई लाभ देने की घोषणा की है। मगर बिहार सरकार ने साफ कर दिया है कि ये सिर्फ और सिर्फ केंद्र का मुद्दा है। तो क्या मान लिया जाए बिहार में बीजेपी को छोड़कर अन्य राजनीतिक दल इस मुद्दे पर सियासत कर रहे हैं या प्रदर्शन को मौन समर्थन है?
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प्रदर्शनकारियों के निशाने पर बीजेपी?
बिहार में दो दिनों से सेना की नई भर्ती स्कीम ‘अग्निपथ’ का विरोध जारी है। बक्सर, आरा, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, नवादा, छपरा, सिवान और बेगूसराय समेत कई जिलों में भारी बवाल हुआ है। गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने बिहार के 17 जिलों में प्रदर्शन किया। इस दौरान जमकर बवाल काटा। नवादा में बीजेपी की विधायक अरुणा देवी के वाहन पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिसमें विधायक सहित पांच लोग घायल हो गए। अरुणा ने कहा कि प्रदर्शनकारी मेरी गाड़ी पर लगे पार्टी के झंडे को देखकर भड़क गए, उन्होंने झंडे को भी निकाल दिया। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ की और ऑफिस को आग के हवाले कर दिया।
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वहीं, छपरा में भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल काटा। यहां पर उग्र छात्रों ने 3 ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने छपरा सदर के बीजेपी विधायक डॉ सीएन गुप्ता के घर पर जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान युवाओं ने केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने विधायक के आवास पर न सिर्फ तोड़फोड़ की बल्कि उनके घर के ऊपर चढ़कर बीजेपी का झंडा भी उखाड़ दिया।
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बिहार सरकार चुप क्यों?
आर्मी अभ्यर्थियों के विरोध को देखते हुए कई बीजेपी शासित राज्यों ने लुभावने घोषणाएं की है। राज्य की नौकरियों में वरीयता देने की बात कही है, ताकि छात्रों के गुस्से को शांत किया जा सके। बिहार में सत्ता की साझीदार बीजेपी है, मगर बागडोर जेडीयू के नीतीश कुमार के पास है। ये सभी जानते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार यानी बीजेपी सरकार ने नियमों में बदलाव किया है, तो जाहिर-सी बात है कि नौजवानों में गुस्सा भी बीजेपी के खिलाफ ही है। हालांकि बिहार बीजेपी के नेता इसको लेकर बयान देने लगे हैं। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन हों या बिहार बीजेपी के मुखिया संजय जायसवाल या केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, सभी इसके फायदे बता रहे हैं। लेकिन बिहार सरकार की ओर से युवाओं के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में आर्मी अभ्यर्थियों को लग रहा है कि उनके साथ मौजूदा सरकार धोखा कर रही है, लिहाजा वो सरकारी संपत्तियों के साथ-साथ बीजेपी को टारगेट कर रहे हैं। यही कारण है कि गुरुवार को बीजेपी को दो-दो विधायक और पार्टी ऑफिस को निशाने पर लिया।
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‘अग्निपथ’ का विरोध क्यों ?
दरअसल, 14 जून को केंद्र सरकार ने सेना की तीनों शाखाओं ( थलसेना, नौसेना और वायुसेना ) में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की घोषणा की। इसके तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। इसके बाद इसमें से एक चौथाई युवाओं की नौकरी स्थाई होगी बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा। मगर अभ्यर्थियों को ये सरकारी स्कीम रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि इस आर्मी अभ्यर्थी बवाल काट रहे हैं और उनके टारगेट पर सरकारी संपत्तियों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी बीजेपी भी है।

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