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दरअसल, जेडीयू कोटे से बिहार सरकार में मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को केंद्र की नई भर्ती नीति ‘अग्निपथ’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र को इस योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए। कुशवाहा ने ट्वीट किया कि भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया में प्रस्तावित बदलावों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। इससे पहले बिजेंद्र प्रसाद यादव ने भी कहा था कि केंद्र को अग्निपथ और अग्निवीर योजनाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए। नीतीश के मंत्री ने कहा था कि छात्र अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं। इस मामले में केंद्र को युवाओं और उनकी यूनियनों से बात करनी चाहिए। केंद्र सरकार को आम लोगों से सुझाव लेना चाहिए।
ललन सिंह ने कहा- केंद्र को पुनर्विचार करना चाहिए
इधर, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि अग्निपथ योजना के निर्णय से बिहार सहित देशभर के नौजवानों, युवाओं एवं छात्रों के मन में असंतोष, निराशा व अंधकारमय भविष्य (बेरोजगारी) का डर स्पष्ट दिखने लगा है। केंद्र सरकार को अग्निवीर योजना पर अविलंब पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि यह निर्णय देश की रक्षा व सुरक्षा से भी जुड़ा है।
वापस ले केंद्र सरकार
वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के सहयोगी जीतन राम मांझी ने कहा कि अग्निपथ योजना देश के लिए बेहद खतरनाक है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। मैं पीएम नरेंद्र मोदी से अग्निपथ योजना को वापस लेने और भर्ती की पुरानी प्रक्रिया की घोषणा करने की अपील करता हूं।
शुक्रवार को पुतला फूंकेगी आरजेडी
दूसरी ओर अग्निपथ योजना के खिलाफ विपक्षी पार्टी आरजेडी की युवा शाखा शुक्रवार को प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री का पुतला फूंकेगी। अग्निपथ योजना के शुभारंभ के बाद बिहार के 25 से अधिक जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य रूप से रेलवे संपत्तियों को निशाना बनाया है।
गुरुवार को जमकर हुआ बवाल
उन्होंने गोपालगंज, छपरा और कैमूर जिलों में कई ट्रेनों में आग लगा दी। आरा, बक्सर, डुमरांव, नवादा, मुजफ्फरपुर, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा और अन्य जिलों में पथराव की घटनाएं देखी गईं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्व मध्य रेलवे (ECR) ने गुरुवार को 22 जोड़ी (आना-जाना) ट्रेनों को रद्द कर दिया। इन जिलों में कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को भी जाम कर दिया था।
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