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अग्निपथ योजना के विरोध में आज दूसरे दिन एक बार फिर बिहार विधानसभा में विपक्षी पार्टियों ने जमकर नारेबाजी की। विपक्षी दलों ने इस योजना को प्रधानमंत्री द्वारा एक तानाशाही कदम बताया। बता दें कि ललित यादव (राजद) और अजीत शर्मा (कांग्रेस) के स्थगन प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करने की विपक्षी विधायकों की जोरदार मांगों के बीच सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई। लेकिन भारी हंगामे के कार्यवाही स्थगित करना पड़ा।
अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शुरू में अनुरोध किया कि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद मामले को उठाया जाए, लेकिन यादव और शर्मा को विपक्ष को शांत करने के लिए प्रस्ताव का पाठ पढ़ने की अनुमति दी गई। बहरहाल, विपक्षी विधायक, जिनमें से कई नारेबाजी में शामिल हो गए, इस बात पर अड़े रहे कि दिन के लिए विधायी कार्य बंद कर दिया जाए और सशस्त्र बलों में भर्ती की नई योजना पर बहस की जाए।
संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी के अपील के बावजूद विपक्षी नेता नहीं माने और जमकर नारेबाजी की। वहीं उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, जो सदन में भाजपा के नेता भी हैं, ने कहा कि यह मामला राज्य विधानसभा के दायरे से बाहर है। इसके अलावा, सदन के पटल पर प्रधानमंत्री के खिलाफ बयानबाजी एक बुरी मिसाल कायम करती है।
अध्यक्ष ने कुछ देर के लिए उत्तेजित विपक्षी विधायकों से आग्रह किया बच्चे कार्यवाही देखने आए हैं। कृपया सही व्यवहार करें। हालांकि, विधायकों के न मानने पर कार्यवाही दोपहर के भोजन तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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