Home Bihar 5 गिरफ्तार, मगर साइबर फ्रॉड चालू: मशहूर फाइनेंसर धनी का पोस्टर और धोनी की तस्वीर देख क्लिक किया तो फंसे

5 गिरफ्तार, मगर साइबर फ्रॉड चालू: मशहूर फाइनेंसर धनी का पोस्टर और धोनी की तस्वीर देख क्लिक किया तो फंसे

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5 गिरफ्तार, मगर साइबर फ्रॉड चालू: मशहूर फाइनेंसर धनी का पोस्टर और धोनी की तस्वीर देख क्लिक किया तो फंसे

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सोमवार को गिरफ्तार किए गए थे यह पांच अपराधी।

सोमवार को गिरफ्तार किए गए थे यह पांच अपराधी।
– फोटो : अमर उजाला

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फाइनेंस के क्षेत्र की मशहूर कंपनी धनी लोन्स एंड सर्विसेज का पोस्टर और उसपर ब्रांड एम्बेसडर के रूप में क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की तस्वीर दिखे। क्लिक करें और नंबर दिखे। नंबर दिखे और कॉल करते हुए पैन, आधार, पासबुक की कॉपी और फोटो देने पर दो घंटे में लोन मिले। ऐसी लुभावनी और सहज प्रक्रिया हो तो फंसना बहुत मुश्किल नहीं। पटना में इस तरह का खेल कर देशभर के सैकड़ों लोगों को फांसते हुए दो करोड़ से ज्यादा का धंधा कर बैठने वाले पांच युवकों की सोमवार को गिरफ्तारी के बाद ‘अमर उजाला’ ने मंगलवार को जानने का प्रयास किया कि धंधा बंद हो गया या चालू है या डरते हुए काम चल रहा है। पड़ताल में सामने आया कि धंधा बंद नहीं हुआ है और न डरते हुए चालू है, बल्कि धड़ल्ले से चल रहा है।

पहले जानिए कौन पकड़े गए और कैसे
लोन देने, इंश्योरेंस करने, जीएसटी भरने, केवाईसी अपडेट करने जैसे नामों पर ठगी करने वाले पांच अपराधियों को सोमवार को पटना पुलिस ने धर दबोचा। यह धनी लोन्स एंड सर्विसेज के प्रतीक चिह्न समेत पोस्टर पर महेंद्र सिंह धोनी को ब्रांड एम्बेसडर के रूप में लगाकर लोगों को भरोसा दिलाते। पटना के पत्रकारनगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती को गश्ती पर देख बाइक सवार दो युवक भागने लगे। पुलिस ने इन्हें पकड़ा तो पता चला कि खेमनीचक में किराए के दो रूम का फ्लैट लेेकर यह रहते हैं, नाम है- गौतम और भरत। दोनों नालंदा निवासी। साइबर फ्रांड के लिए मशहूर नालंदा के दो युवकों को संदिग्ध मान पुलिस इनके फ्लैट पर पहुंची तो वहां तीन युवक नालंदा का आकाश, शेखपुरा का राजीव और पटना का आकाश लोगों को मोबाइल पर लोन का झांसा देता दिखा।
10 हजार रुपए में खाता, डेढ़ हजार में सिम
अब पांचों से सख्ती से पूछताछ हुई तो पता चला कि धनी लोन्स एंड सर्विसेज के प्रतीक चिह्न को लेकर यह लोग धनी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड नाम का उपयोग कर रहे थे और लोगों का भरोसा जीतने के लिए धोनी की तस्वीर वाले पोस्टर का उपयोग करते थे। यह रकम वसूली के लिए दिल्ली, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से सिम और बैंक खाता बाकायदा खरीदते थे। 10 हजार रुपए में फर्जीवाड़ा के लिए डेबिट कार्ड समेत बैंक खाता खरीदते थे, जबकि डेढ हजार में सिम। पूछताछ आगे बढ़ी तो सामने आया कि पटना के मालसलामी का आकाश और नालंदा का आकाश उर्फ छोटू कुख्यात साइबर क्रिमिनल है। दोनों आकाश जेल रिटर्न हैं। इन्हीं दोनों ने गौतम, भरत और राजीव समेत बाकी को साथ बुलाकर यह धंधा शुरू किया। बाकी दुनिया के लिए यह लोग सिपाही बहाली और एसएससी की तैयारी करते हैं, लेकिन असल काम इनका यही था।

अब वह जानिए, जो बचने के लिए है जरूरी
धनी लोन्स एंड सर्विसेज की वेबसाइट के जरिए ‘अमर उजाला’ ने मूल कंपनी से उसका पक्ष जानने को लगातार प्रयास किया, लेकिन बार-बार ईमेल भेजने के बावजूद कंपनी का जवाब नहीं आया। इधर, अमर उजाला की टीम ने सोशल प्लेटफॉर्म्स और बाकी इंटरनेट साइट्स के जरिए सोमवार के पोस्टर और उसकी सक्रियता की जानकारी जुटानी शुरू की तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। इंटरनेट पर ऐसे पोस्टर कई जगह दिख रहे हैं और ज्यादातर पर क्लिक करते ही कोई नंबर आता है। इसपर कॉल उठ भी रहा है और लोन ऑफर भी किया जा रहा है।

आधार, पैन और पासबुक की कॉपी दीजिए, दो घंटे में लोन
लोन के लिए आगे यह ठग क्या लेंगे, यह तुरंत बताने को तैयार नहीं हो रहे। कॉल करने वाले की हैसियत और चुकाने की क्षमता जाने बगैर सिर्फ यह कहा जा रहा है कि आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक की कॉपी भेजिए और साथ में फोटो तो लोन ऑनलाइन ही अप्लाई हो जाएगा। दो घंटे में खाते में राशि पहुंचने का भी झांसा दिया जा रहा है। यह सभी पेपर व्हाट्सएप पर मंगाए जा रहे हैं और कॉल उठाने वाला मिलने के लिए भी तैयार नहीं है। पेपर नहीं भेजने पर कॉलबैक भी आ रहा है।

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फाइनेंस के क्षेत्र की मशहूर कंपनी धनी लोन्स एंड सर्विसेज का पोस्टर और उसपर ब्रांड एम्बेसडर के रूप में क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की तस्वीर दिखे। क्लिक करें और नंबर दिखे। नंबर दिखे और कॉल करते हुए पैन, आधार, पासबुक की कॉपी और फोटो देने पर दो घंटे में लोन मिले। ऐसी लुभावनी और सहज प्रक्रिया हो तो फंसना बहुत मुश्किल नहीं। पटना में इस तरह का खेल कर देशभर के सैकड़ों लोगों को फांसते हुए दो करोड़ से ज्यादा का धंधा कर बैठने वाले पांच युवकों की सोमवार को गिरफ्तारी के बाद ‘अमर उजाला’ ने मंगलवार को जानने का प्रयास किया कि धंधा बंद हो गया या चालू है या डरते हुए काम चल रहा है। पड़ताल में सामने आया कि धंधा बंद नहीं हुआ है और न डरते हुए चालू है, बल्कि धड़ल्ले से चल रहा है।



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