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पशुपति कुमार पारस का बड़ा दावा
अब एक बार फिर केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि बिहार में महागठबंधन के लिए स्थिति अच्छी नहीं दिख रही है। जदयू और राजद के नेता हर दिन एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं। पिछले पांच महीनों में तीन विकेट पहले ही गिर चुके हैं और मुझे यकीन है कि पूरी सरकार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कार्तिकेय सिंह मास्टर, सुधाकर सिंह और अनिल सहनी को अपने पद से हाथ धोना पड़ा, जबकि मास्टर कानून मंत्री थे और सिंह कृषि मंत्री थे, साहनी राजद विधायक थे, जिन्हें एलटीए घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पशुपति पारस ने कहा कि एनडीए लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है और बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करेगा। इस समय विपक्षी दलों में दो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, एक नीतीश कुमार और दूसरे राहुल गांधी। एक म्यान में दो तलवारें रखना संभव नहीं है।
पारस के दावे में कितना दम
पशुपति पारस के इस दावे पर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्रतिक्रिया पूछी गई, तो उन्होंने जो कहा वो सुनने लायक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जाओ और जश्न मनाओ। मैं इन नेताओं का ध्यान नहीं रखता। मुख्यमंत्री ने साफ पारस के बयान को इग्नोर कर दिया। पशुपति पारस इससे पहले भी बिहार सरकार के गिरने का दावा करते रहे हैं। पशुपति कुमार पारस अपने दावे का आधार महागठबंधन नेताओं में आपसी खींचतान बताते हैं। पारस ने जब रांची में बयान दिया था, तब कहा था कि नीतीश कुमार पीएम बनना चाहते हैं। तेजस्वी यादव के लिए धर्म संकट ये है कि एक ही गठबंधन में जेडीयू और कांग्रेस है। दोनों दलों के बड़े नेता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पीएम पद के दावेदार हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि नीतीश कुमार जब एनडीए से अलग होकर बिहार में महागठबंधन की मदद से सरकार बनाई, उसी वक्त हमलोगों ने इसे बेमेल गठबंधन करार दिया था।
महागठबंधन में खींचतान
आपको बता दें कि हाल में महागठबंधन में पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के बयान को लेकर बवाल हुआ था। उसके बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर भी जेडीयू नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। सुधाकर सिंह ने बकायदा नीतीश कुमार पर हमला बोला था। उसके बाद राजद ने कार्रवाई करते हुए सुधाकर सिंह से जवाब मांगा था। वहीं दूसरी ओर चंद्रशेखर सिंह के बयान से जेडीयू ने खुद को अलग कर लिया था। इतना ही नहीं नीतीश पर सुधाकर के दिये बयान पर जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी को अल्टीमेटम तक दे दिया था। बाद के दिनों में मामला ठंडा हुआ। उधर, आरसीपी सिंह ने ये दावा करके सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है कि नीतीश कुमार टाइमपास यात्रा में लगे हुए हैं। उनके पटना रहने पर उन पर दवाब ज्यादा रहता है, इसलिए वे बिहार की राजधानी छोड़कर भागे रहते हैं।
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