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‘हम उनको इग्नोर करते हैं’
नीतीश ने कहा कि उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की बातों को हमेशा इग्नोर किया है। इसका कोई मतलब नहीं बनता है। किसी को भी पार्टी से मिलकर अपनी बात करनी चाहिए। किसी को अगर लगता है तो, जो जैसा करे। करता रहे। सात आठ महीना उन्होंने ट्राय किया। उसके बाद हमने सबसे बात की और कहा कि ठीक है। हमसे एक महीने से बात तक नहीं किये हैं। नीतीश ने कहा कि अगर कोई बात हो तो कहना चाहिए था। ऐसे तो हर आदमी को अधिकार है बोलने का। उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी का बैकअप है क्या? इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये आपलोगों को पता होगा। नीतीश ने कहा कि उन्हें सोचना चाहिए। कौन पार्टी एमएलए बनाया। कौन पार्टी राज्यसभा में भेजा। कौन पार्टी अभी एमएलसी बनाया है। पूरी बात जान लीजिए। हम लोग तो इज्जत करते रहते हैं।
‘जो मन करे, वहीं करें’
नीतीश ने कहा कि पहले चले गए फिर आए। मान लिया। फिर गये और फिर आये मान लिया। हमको तो आश्चर्य लग रहा है। हम तो इतना प्रेम करते हैं। इतना हमारा स्नेह हैं। कोई चला भी जाता है तो हमको क्या मतलब है। जाओ भाई जहां जाना है जाओ। देखिए ये बात अब आगे मत पूछिए। आप उनके बारे में कोई बात हो तो उन्हीं से पूछिये जो मर्जी हो, वो करिये। ये पार्टी के लिए जेडीयू के लिए इन सब चीजों का कोई मतलब नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा को कोई जेडीयू में लेना नहीं चाहता था। मेरे ही कहने पर अंत में लोग एग्री कर गए। हम तो सम्मान करते हैं। हमारा तो प्रेम का भाव है। इधर, कुछ दिनों से आप लोग रोज पूछ रहे हैं। इसका पार्टी से कोई मतलब नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा की संतान वाली बात पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या पता क्या बोल रहा है। कोई मतलब है। आप नयी पीढ़ी के लोग हैं। शुरू से हमलोग क्या काम किये। मेरी कोई रूची नहीं है। आश्चर्य लग रहा है। आप आज के बाद पूछिएगा, हम प्रणाम कर लेंगे।
‘कोई पार्टी में लेने को राजी नहीं था’
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को जो मन करे वो करें। पार्टी की तरफ से इन सब चीजों का कोई मतलब नहीं है। जो मर्जी करे। काहे के लिए आया था यहां। जब हम 43 सीट जीते थे तो। आप क्यों आए जेडीयू में? 2021 में हमारे पास क्यों आए? ये सबको पता है कि हमलोगों को सीटें कम मिली क्यों? कारण ये था कि जिनके साथ थे वो एक वोट नहीं दिये और उनको हमारा पूरा वोट मिला। नीतीश ने कहा कि ये सब बात आश्चर्य लगती हैं। हम उम्मीद कर रहे थे कि कोई बात होगी, तो हमसे बतिया लें। हम तो इज्जत करने वाले लोग हैं। हमसे बात करेगा, तो हम काहे नहीं बात करेंगे। अब वो कुछ लिख रहे हैं। प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। कहीं हम मिल जाते हैं, तो आपलोग हमसे पूछते हैं। इसका कोई मतलब नहीं है। राजनीति में सबको अपनी-अपनी इच्छा होती है। जो मन करे वो करें। कोई आ जाए और चला जाए। उसकी अपनी इच्छा होती है। पार्टी वाला लोग अपना काम में लगे रहते हैं। पहले से सदस्यता अभियान की संख्या और बढ़ गई है। कोई बोलता रहे, तो बोलते रहे। ये कहां से सदस्यता अभियान बढ़ गया है।
‘उपेंद्र के बारे में बात मत कीजिए’
नीतीश कुमार ने कहा कि हम किसी का नुकसान नहीं करते हैं। हम समाज के उत्थान के लिए काम करते रहते हैं। बीच में शराबबंदी कर दिये, तो कई लोग खिलाफ हो गये। महिला सब में कितना खुशी है। सभी जातियों की, सभी धर्मों के लड़के, लड़की महिलाएं और पुरुष सब मिलते हैं और अपनी बात कहते हैं। समस्या का समाधान करते हैं और इसलिए हम घूम रहे हैं। किसी भी दल के अंदर, खासकर जिसको इज्जत दिये हुए हैं। कोई भी बात सामने आती है। हम आपलोगों से प्रार्थना करेंगे, इन सब चीजों पर अब हमसे नहीं पूछिएगा।
‘भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस का निजी मसला’
नीतीश कुमार ने भारत जोड़ों यात्रा में शामिल होने के सवाल पर कहा कि भारत जोड़ो यात्रा एक पार्टी की यात्रा है। हम लोग वेट कर रहे हैं। पहले बातचीत कर चुके हैं। जब उनका समाप्त हो जाएगा। तब उसके बाद जब वे बुलाएंगे। बैठकर कितने दल मिलकर आगे काम करेंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। अभी तो उनका अपना हो रहा है। ये उनकी अपनी बात है। अलग-अलग पार्टियां तो अपना काम कर रही हैं। चुनाव में अब बहुत ज्यादा दिन नहीं है। हमलोग अब जब भी बैठेंगे। चाहेंगे कि पार्टियों के साथ आगे मिलकर काम करें। हमलोग कांग्रेस का इंतजार कर रहे हैं। अभी तो उनकी निजी पार्टी की यात्रा है। बिहार में कोई दिक्कत नहीं है। देशभर के लिए अगर कुछ करना है, हमलोग बातचीत का वेट कर रहे हैं। राहुल का तो अपना चल रहा है, सब ठीक ही है। अपना पहले कर लें फिर निश्चिंत होकर बैठें सबलोग। उसी समय हम लोग बात करेंगे।
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