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लालू परिवार एक मात्र ऐसा राजनीतिक कुनबा जिसके छह लोग चार्जशीटेड
अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने जब लालू प्रसाद यादव से दोबारा हाथ मिलाकर बिहार में महागठबंधन सरकार का गठन किया, तभी से सुशील कुमार मोदी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के खिलाफ अभियान छेड़ चुके हैं। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद भी सुशील मोदी ने यह कहा था कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 750 करोड़ रुपये के मॉल घोटाले में अभियुक्त हैं। उनके माता-पिता यानी लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी, जो बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं, और तेजस्वी यादव की तीन बहनें भी आईआरसीटीसी घोटाले में चार्जशीटेड हैं। तब सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को यह भी याद दिलाया था कि लालू प्रसाद चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में दोषी पाए गए और सजायाफ्ता हैं। सुशील कुमार मोदी ने यह भी कहा था कि देश का कोई राजनीतिक परिवार ऐसा नहीं है, जिसके 6 सदस्यों पर भ्रष्टाचार के इतने गंभीर मामले चल रहे हों।
सुशील मोदी ने क्राइम-करप्शन पर नीतीश और आरजेडी को घेरा
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि जिस पार्टी की बुनियाद ही क्राइम और करप्शन पर हो, उसके नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के मुंह से अपराध-भ्रष्टाचार से समझौता न करने की बात शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा था कि यह आरजेडी का आपराधिक चरित्र है कि वहां बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से लेकर अनंत सिंह तक और बलात्कारी राजबल्लभ यादव से माफिया अरुण यादव तक को संरक्षण मिलता रहा। सुशील मोदी ने कहा था कि जिस पार्टी के लोग शराब और बालू के अवैध धंधे में लगे हों और माफिया की फंडिंग से पार्टी चलती हो। उसके नेता को लोकलाज का ध्यान रख कर क्राइम-करप्शन पर जुबान बंद ही रखनी चाहिए। बता दें कि सुशील कुमार मोदी ने यह बात तब कही थी जब तेजस्वी यादव ने क्राइम करप्शन से समझौता ना करने की बात कही थी।
IRCTC मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को तेजस्वी यादव ने दी थी धमकी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह कहा था कि दोबारा डिप्टी सीएम बनने के बाद तेजस्वी यादव ने जांच एजेंसियों को धमकी दी थी। सुशील कुमार मोदी ने बताया था कि तेजस्वी यादव ने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि सीबीआई के जो अधिकारी लालू परिवार के खिलाफ जांच में लगे हैं, उनके मां-बाप और बच्चे हैं। वह भी रिटायर होंगे। हालांकि इसके बाद तेजस्वी यादव को अदालत की फटकार के बाद माफी तक मांगनी पड़ी थी। तब सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव को दोबारा सीबीआई के अधिकारियों को धमकी देने की चुनौती दी थी।
लालू परिवार के भ्रष्टचार को संरक्षण दे रहे नीतीश कुमार
- बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए शराबबंदी, क्राइम और करप्शन से समझौता कर लिया है। सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि…
- नीतीश कुमार को अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव से पूछना चाहिए कि वे मात्र 23 साल की उम्र में बिना किसी व्यवसाय या नौकरी के वे दिल्ली के 30 करोड़ रुपये वाले मकान के मालिक कैसे बन गए?
- तेजस्वी यादव को यह बताना चाहिए कि दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का डी-1088 नबंर का तीन मंजिला करोड़ों का मकान उन्होंने एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जरिये मात्र 4 लाख रुपये में कैसे हासिल कर लिया?
- दिसंबर 2022 में सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार न केवल तेजस्वी यादव को संरक्षण दे रहे हैं। बल्कि उन्हें नेतृत्व सौंपने की घोषणा कर चुके हैं। यह भ्रष्टचार से समझौता नहीं तो क्या है?
सीबीआई ने कभी जांच बंद ही नहीं की थी
बिहार में महागठबंधन सरकार बनाने के बाद जब नीतीश कुमार ने यह कहा था कि लालू परिवार को झूठे केस में फंसाया जा रहा है। तब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि सीबीआई ने रेलवे के दिल्ली और मुम्बई (बांद्रा) प्रोजेक्ट के बदले फर्जी कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये की प्रापर्टी लालू परिवार को देने के मामले में जांच कभी बंद ही नहीं की थी। उन्होंने कहा था कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामलों की जांच के दौरान सीबीआई को डीएलएफ रिश्वत मामले से जुड़े नये तथ्य मिले हैं। तब सुशील मोदी ने कहा था कि जांच एजेंसी नए सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने मिले नए सबूतों के आधार पर ही 6 मार्च 2023 को पटना स्थित आवास पर राबड़ी देवी से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि 7 मार्च यानी मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी सीबीआई पूछताछ कर सकती है।
ललन सिंह ने CBI को दिये थे IRCTC घोटाले के कागजात
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार के भ्रष्टाचार को उजागर करने के साथ यह भी खुलासा किया था कि आईआरसीटीसी मामले के पूरे कागजात जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ही उपलब्ध कराए थे। बिहार में नीतीश के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने के 2 महीने बाद ही सुशील कुमार मोदी ने यह खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि रेलवे ( IRCTC ) के दो होटल लीज पर देने के बदले तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार को पटना के सगुना मोड़ की कीमती जमीन लिख दी गई थी। इसी जमीन पर तेजस्वी यादव का 750 करोड़ का 10- मंजिला मॉल बन रहा था। तब सुशील कुमार मोदी ने यह बताया था कि इस घोटाले का उद्भेदन ललन सिंह और नीतीश कुमार ने ही किया था। इन्हीं दोनों ने सीबीआई को सबूत के कागजात पहुँचाये थे और अब यही लोग पूरी बेशर्मी से तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार का बचाव कर रहे हैं।
सुशील कुमार मोदी ने यह भी कहा था कि 2017 में जब राजद से जदयू ने गठबंधन तोड़ा था। तब तेजस्वी यादव पर केवल आरोप लगे थे और मुख्यमंत्री उनसे उसका बिंदुवार जवाब मांग रहे थे। अब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को क्लीनचिट मिले बिना उनकी पार्टी से दोबारा हाथ मिला लिया। जबकि पांच साल में उनके खिलाफ कार्रवाई प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर आरोपपत्र दायर होने तक आगे बढ़ चुकी थी। सुशील मोदी ने कहा कि जो कानूनी प्रक्रिया आरजेडी-जेडीयू के दोबारा मिलने से पहले हो चुकी थी। उसे नीतीश कुमार राजद से गठबंधन तोड़ने की कार्रवाई कैसे बता रहे थे?
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