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औरंगाबाद की सोनाली और सृष्टि गाना गाकर नशा न करने की कर रही हैं अपील
– फोटो : अमर उजाला
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सरकार शराब बंद कर रही, बाकी नशे नहीं रोक रही। मगर, यह लड़कियां हर नशे से समाज को बचाने की मुहिम में जुट गई हैं। उम्र महज 10 और 12 साल है। औरंगाबाद की रहने वाली इन दो बहनों ने खुद से भोजपुरी में गाना कंपोज कर सोशल मीडिया पर डाला और अब एक-एक लिंक ऐसे भी हैं, जिनपर इन्हें देखने-सुनने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड के ढोसिला पंचायत के खिरहिरी गांव की दो सगी बहनें सोनाली राज (12) एवं कुमारी सृष्टि (10) के गीत को लोग बिहार से बाहर भी देख-सुन रहे हैं।
पहले गाने के बोल पढ़िए और हिंदी में समझिए….
छोड़ी द दरुआ छोड़ी द गंजवा छोड़ी द सिगरेटवा ना
(छोड़ दीजिए दारू, गांजा और सिगरेट )
कि हे पिता मेरे वचनों का पालन करो, तुम्हारे हाथ मिलाने का नहीं
(पापा हाथ जोड़ते हैं, मेरा कहना मान लीजिए)
जब पैसे पीने में रहोगे तो उसमें से अपना नाम पढ़ोगे
(जिस पैसे को आप पीकर बर्बाद करते हैं, हम उसी पैसे से पढ़ लेंगे तो आपका नाम होगा)
कुछ हो गया तो कौन साथ नहीं देगा मेरा,
(अगर आपको कुछ हो जाएगा तो हमारा साथ कौन देगा)
बड़ी मुश्किल से मेरी माँ न केवल अपना बल्कि हम सभी का पेट भरकर घर चलाती है
(मां बहुत मुश्किल से घर चलाती है, हमलोगों को खिलाने के लिए खुद नहीं खाती है)
उन्होंने शराब पीने के लिए अपने सारे खेत बेच दिए
(शराब पीने में आपने सब खेत बेच डाले)
कि हे पिता मेरे वचनों का पालन करो, तुम्हारे हाथ मिलाने का नहीं
(पापा हाथ जोड़ते हैं, मेरा कहना मान लीजिए)
छोड़ी द दरुआ, छोड़ी द गंजवा, छोड़ी सिगरेटवा ना
(छोड़ दीजिए दारू, गांजा और सिगरेट)
आसपास के माहौल ने बच्चियों के मन पर डाला प्रभाव
इन बच्चियों के पिता श्याम पुजारी और मां कलावती देवी का कहना है कि बेटी के गीत को सोशल मीडिया पर वायरल होता देख कर उन्हें भी काफी खुशी महसूस हो रही है। सोनाली और सृष्टि ने बताया कि दोनों नीमा चर्तुभुज गांव के मिड्ल स्कूल की छठी कक्षा की छात्रा हैं और आसपास के माहौल को देखकर यह गाना बनाया है। कहती हैं- हम देख रहे हैं कि शराब किस तरह से अच्छे घर-परिवार को बर्बाद कर रहा और ऐसे घरों के बच्चों की पढ़ाई खराब हो जाती है।
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