Home Bihar 1 जुलाई से हो रहे प्लास्टिक बैन का बिहार में विरोध, उद्योगपतियों ने सरकार से कर दी है बड़ी मांग

1 जुलाई से हो रहे प्लास्टिक बैन का बिहार में विरोध, उद्योगपतियों ने सरकार से कर दी है बड़ी मांग

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1 जुलाई से हो रहे प्लास्टिक बैन का बिहार में विरोध, उद्योगपतियों ने सरकार से कर दी है बड़ी मांग

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पटना. बिहार सरकार 1 जुलाई 2022 से प्लास्टिक की वस्तुओं के उत्पादन और भंडारण को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने जा रही है. इसको लेकर बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन ने विरोध जताया है. BIA के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता इस क्षेत्र में कार्यरत उद्योगों और उसमें लगे कामगारों के भविष्य को लेकर है. दरअसल, सिंगल यूज प्लास्टिक निर्माण व्यवसाय में भारी निवेश है. इसके माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है. सरकार की तरफ से जब तक वैकल्पिक व्यवस्था न की जाए, तब तक प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करना उचित नहीं है.

अरुण अग्रवाल ने कहा कि सरकार का यह निर्णय एक तरह से देश की कंपनियों के साथ सौतेला व्यवहार जैसा लग रहा है. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या प्रतिबंध से संबंधित नियम बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर भी लागू होंगे? बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे आलू-चिप्स और अन्य तरह के स्नैक्स सिंगल यूज प्लास्टिक में ही पैक हो कर बेचे जा रहे हैं. सरकार ऐसी कंपनियों के उत्पाद प्रतिबंधित करने की सोच भी नहीं रही है. ऐसे में अपने देश के प्लास्टिक निर्माता अपने साथ सरकार का निर्णय सौतेला व्यवहार मानते हैं.

सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक को लेकर प्लास्टिक उद्योग एसोसिएशन के सदस्य प्रेम कुमार का कहना है कि सरकार जल्दबाजी न करे और 120 माइक्रोन तक प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं के उत्पादन का आदेश दे. सिंगल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद बायोडिग्रेडेवल प्लास्टिक से उत्पाद बनेगा, जिसके लिए जर्मनी, अमेरिका, ब्राजील, चीन आदि से कच्चा माल आयात करना पड़ेगा. आयात की वजह से प्लास्टिक ग्लास की कीमत 1 रुपये से बढ़ कर 4 रुपये हो जाएगी. दूसरी मुश्किल यह है कि आयात किए गए मटेलियल का प्रमाणिकरण भी होता है। लेकिन भारत सरकार ने सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रो केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलजी से पुनः जांच कराने का प्रावधान कर रखा है. देश में CEPET की मात्र 9 टेस्टिंग लैब हैं. एक आइटम की जांच का शुल्क लगभग 4.75 लाख रुपया आता है. यदि 4 आइटम की जांच कराई जाए तो वह 20 लाख रुपये आ जाएगा. ऐसे में इस क्षेत्र में लगी कंपनियां कैसे अपने आप को सर्वाइव कर पाएंगी.

टैग: बिहार सरकार, पटना समाचार, सिंगल यूज प्लास्टिक

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