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पटना. पटना शहर से रूठी गंगा नदी को मनाने के लिए काम किए गए लेकिन वह धरातल पर नहीं उतरा और गंगा एक बार फिर से रूठ गई है. पटना में शहर के करीब गंगा को लाने के लिए पटना हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था. इस निर्देश पर साल 2015-16 में 8 करोड़ रुपए खर्च किया गया.
बता दें कि गंगा की मुख्यधारा से कालीघाट तक 7 किलोमीटर लंबे चैनल की खुदाई कराई गई थी, ताकि गंगा पटना शहर के तट पर आ सके. इसका असर भी दिखा. चैनल खुदाई के बाद गंगा की धारा 17 जुलाई 2015 को पटना शहर के घाटों के पास आ गई. लेकिन बरसात खत्म होने के बाद उसका रखरखाव सही नहीं किया गया और अब हालत यह हो गई है कि जो चैनल का निर्माण गंगा के प्रवेश के लिए किया गया था, वह पूरी तरीके से मिट्टी से जाम हो गया है, जिससे शहर के तट पर गंगा का प्रवेश बंद हो गया. अब उसी चैनल से शहर का गंदा पानी गंगा को मैला जरूर कर रहा है.
दरअसल, पटना गंगा चैनल में अभी कुर्जी से कालिघाट के बीच 8 जगहों पर रास्ता बन गया है. जहां से गंगा चैनल की खुदाई हुई थी, वहीं आधी किलोमीटर की दूरी पर मिट्टी भरकर लोगों ने उसे रास्ता बना दिया है, नीचे पाइप लगा दी गई है. इस कारण उस चैनल में उल्टी धारा बह रही है. गंगा के आने की बजाय, इसी रास्ते नाली का गंदा पानी गंगा में जा रहा है. सिर्फ यही नहीं चैनल की जगह मिट्टी भराव के कारण जलकुंभी भी उस पानी में उग आई है. एक तरफ बख्तियारपुर में बड़े स्तर पर हर-हर गंगा करने की तैयारी चल रही है, 29 करोड़ खर्च कर 5 किलोमीटर चैनल का निर्माण हो रहा है. दूसरी तरफ पटना में शहर के करीब गंगा को लाने के लिए जिस चैनल का निर्माण किया गया था, वह चैनल रख-रखाव सही नहीं होने के कारण गंगा को मैला कर रहा है.
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प्रथम प्रकाशित : जून 07, 2022, 00:02 IST
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