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नीतीश कुमार ने क्या कहा
किसान समागम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग किसानों के हित में एक-एक चीज सोंच रहे हैं। उपज और आमदनी बढ़ाने को लेकर काम कर रहे हैं। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि पुराने दिन भी आप याद करिए। पहले कौन काम होता था? आप लोग तो देख ही रहे हैं, कितना काम हो रहा है। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि आज जमीन के लिए सबसे अधिक झगड़ा हो रहा है। बिहार में 60 फीसदी से अधिक झगड़ा जमीन को लेकर होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगो से गुजारिश है। हाथ जोड़कर बोल रहे हैं विवाद मत करिए। मेरी बात पसंद हो तो मानिए, पसंद नहीं है तो मत मानिए। कोई बात नहीं है। इसके बाद नीतीश कुमार कहते हैं कि बताइये… हम तो 72 साल के हो गए… अब कितना कहते रहेंगे… कितना लोगों को समझाते रहेंगे।
जब एक किसान पर नाराज हो गए सीएम नीतीश
किसान सम्मेलन में एक किसान द्वारा अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर नाराज हो गए। बापू सभागार में चौथे कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए बिहार कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नीतीश कुमार मुख्य अतिथि थे। जब किसान मंच से अपने सुझाव पेश कर रहे थे तो मुख्यमंत्री ने उन्हें टोकते हुए कहा कि क्या हुआ तुम्हें…आप अपने संबोधन में अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या आप इंग्लैंड में रह रहे हैं? यह इंग्लैंड नहीं, बिहार है। आपको अपने राज्य की भाषा में बात करनी चाहिए। किसान आम लोग हैं जो अंग्रेजी नहीं जानते हैं। इसलिए, आप अंग्रेजी में जिन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह सही नहीं हैं।
नीतीश कुमार ने किसान से कहा कि मैं देख रहा हूं कि कोरोना के बाद से लोग मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। सब अपनी पुरानी भाषा भूल रहे हैं। आपको सही तरीके से और अपने राज्य की भाषा में बोलना चाहिए। आप जो बिंदु उठा रहे हैं वह सही है लेकिन अंग्रेजी में इसका वर्णन करना सही नहीं है। दुनिया में केवल एक ही भाषा नहीं है। आप उन लोगों की भाषा बोल रहे हैं जिन्होंने हमारे देश पर शासन किया है। इसलिए आपको इन बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए।
उपेंद्र कुशवाहा पर भी जमकर बरसे नीतीश कुमार
‘किसान समागम’ से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार उपेंद्र कुशवाहा पर जमकर बरसे। कुशवाहा ने अलग पार्टी बना ली है? इस सवाल पर नीतीश कुमार कहा कि कोई मतलब नहीं न है। अरे भाई… ऊ आदमी फिर अपनी इच्छा। आप सोंच लीजिये। 2021 में तो बहुत कहे कि हम लोग रहेंगे, रहेंगे। रख लिया। उसके बाद उनका मन कर गया फिर जाने का तो चले गए। ठीक है अपना चले गए। कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसा थोड़े ही है। इस पार्टी से कोई मतलब नहीं है। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि वो कह रहे थे कि हम सब दिन के लिए रहेंगे, आने दीजिए। पार्टिया में सब को, बहुतों को ठीक नहीं लगता था। लेकिन हमही सब को समझाए। अब इधर आ करके हाल में क्या हो गया है त उ जाने। इसलिए उससे कोई मतलब नहीं है हम लोगों का।
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