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पटना. ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लोन’ छात्रों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. दरअसल, इस कार्ड के जरिए जिन छात्रों ने लोन लिया था उन्हें अब 4 प्रतिशत की जगह साढ़े 10 प्रतिशत ब्याज के दर से रकम चुकाना होगा. अचानक ब्याज का बोझ बढ़ जाने की वजह से लोन (छात्र क्रेडिट कार्ड ऋण) लेने वाले छात्र काफी परेशान हैं. इन छात्रों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मधेपुरा के केशव कुंदन, सुपौल के नीतीश कुमारपटना के गौतम राणा तो नौकरी में छुट्टी लेकर लगातार सचिवालय और अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं. इन सभी ने पढ़ाई के लोन लिया था और आज मल्टीनेशनल कम्पनी में इंजीनियर के पद पर तैनात हैं.
यहां तक कि सभी ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से भी जनता दरबार में जाकर गुहार लगाई लेकिन सफलता नहीं मिली. बता दें कि ऐसे सभी छात्रों पर अधिक ब्याज का भार आ गया है जिन्होंने साल 2016-17 में उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लोन योजना का लाभ लिया था. दरअसल, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत पढ़ाई के लिए 4 लाख रुपये लोन दिए गए थे. इसके लिए शर्त ये था कि 4 प्रतिशत ब्याज के दर से पढ़ाई के एक साल बाद पैसे वापस करना होगा.
ढाई गुना बढ़ा ब्याज
शर्त के मुताबिक, ब्याज 4 प्रतिशत के दर से देना था लेकिन बैंक ने शुरू से ही साढ़े 10 प्रतिशत ब्याज की दर से राशि बढ़ाना शुरू कर दिया. अब छात्र परेशान हैं, क्योंकि उन्हें 4 प्रतिशत के दर से 4 लाख 16 हजार रुपये भुगतान करना था लेकिन अब इसे ढाई गुना ब्याज की दर से वसूला जा रहा है. छात्र अब सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि निर्धारित ब्याज दर के शर्त पर ही पैसे वसूले जाएं.
बता दें कि साल 2017 में सरकार इस योजना के तहत वित्त विभाग के बजाय बैंकों के जरिए लोन उपलब्ध कराती थी. शर्त ये था कि 4 प्रतिशत ही ब्याज लगेगा बाकि सब्सिडी सरकार मुहैया करेगी. लेकिन 2018 में जैसे ही इस योजना के तहत बैंकों की जगह वित्त विभाग से लोन मिलने लगा तो ब्याज दर साढ़े 10 प्रतिशत तक पहुंच गया है. ऐसे में ईएमआई की राशि अब हर महीने आवदेक के खाते से बढ़ाकर काट ली जा रही है.
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