Home Bihar सुप्रीम कोर्ट: हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे शरद यादव, सरकारी बंगला खाली करने का मामला

सुप्रीम कोर्ट: हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे शरद यादव, सरकारी बंगला खाली करने का मामला

0
सुप्रीम कोर्ट: हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे शरद यादव, सरकारी बंगला खाली करने का मामला

[ad_1]

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली/पटना

द्वारा प्रकाशित: अभिषेक दीक्षित
अपडेट किया गया गुरु, 24 मार्च 2022 10:22 PM IST

सार

उन्होंने याचिका में कहा कि उनका मामला उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए सहानुभूति के लायक है। वह जुलाई 2020 से 13 बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं और फरवरी में ही अस्पताल से छुट्टी मिली है।

ख़बर सुनें

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने अपना सरकारी बंगला 15 दिन में खाली करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 2017 में राज्यसभा सांसद के लिए अयोग्य ठहराए जाने के आधार पर उन्हें बंगला खाली करने को कहा था।

हाईकोर्ट ने अपने 15 मार्च के आदेश में कहा था कि सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए गए चार साल से अधिक हो गया है। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर 7, तुगलक रोड स्थित बंगला सरकार को सौंप देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में 75 वर्षीय यादव ने कहा है कि वह पिछले 22 साल से इस बंगले में रह रहे हैं और उनकी अनुचित व त्रुटिपूर्ण अयोग्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट का फैसला नहीं आने के बावजूद हाईकोर्ट ने बंगला खाली करने का आदेश दे दिया।

उन्होंने याचिका में कहा कि उनका मामला उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए सहानुभूति के लायक है। वह जुलाई 2020 से 13 बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं और फरवरी में ही अस्पताल से छुट्टी मिली है।

विस्तार

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने अपना सरकारी बंगला 15 दिन में खाली करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 2017 में राज्यसभा सांसद के लिए अयोग्य ठहराए जाने के आधार पर उन्हें बंगला खाली करने को कहा था।

हाईकोर्ट ने अपने 15 मार्च के आदेश में कहा था कि सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए गए चार साल से अधिक हो गया है। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर 7, तुगलक रोड स्थित बंगला सरकार को सौंप देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में 75 वर्षीय यादव ने कहा है कि वह पिछले 22 साल से इस बंगले में रह रहे हैं और उनकी अनुचित व त्रुटिपूर्ण अयोग्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट का फैसला नहीं आने के बावजूद हाईकोर्ट ने बंगला खाली करने का आदेश दे दिया।

उन्होंने याचिका में कहा कि उनका मामला उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए सहानुभूति के लायक है। वह जुलाई 2020 से 13 बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं और फरवरी में ही अस्पताल से छुट्टी मिली है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here