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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
द्वारा प्रकाशित: अभिषेक दीक्षित
अपडेट किया गया सोम, 04 अप्रैल 2022 03:31 PM IST
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इससे पहले सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि दो धाराओं पर विचार नहीं किया गया है। इस पर जस्टिस राव ने कहा कि जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि लालू दी गई सजा का आधा पहले ही भुगत चुके हैं।
कोर्ट ने कहा कि वे 50 फीसदी नियम का पालन कर रहे हैं। इस पर एएसजी राजू ने कहा कि यह नियम यहां लागू नहीं होता क्योंकि सजा एक के बाद एक चलनी थी। जस्टिस राव ने उनसे पूछा कि कुल मिलाकर सजा कितनी है? इस पर राजू ने जवाब दिया कि यह 14 साल है। तब पीठ ने सवाल किया कि कितनी अवधि जेल में बिताई गई है? जवाब में एएसजी ने कहा कि जिस समय जमानत दी गई थी उस समय लगभग एक वर्ष से कम की अवधि की थी।
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