Home Bihar सुप्रीम कोर्ट: लालू की जमानत के खिलाफ याचिका की सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत तैयार, झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट: लालू की जमानत के खिलाफ याचिका की सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत तैयार, झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

0
सुप्रीम कोर्ट: लालू की जमानत के खिलाफ याचिका की सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत तैयार, झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

[ad_1]

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: अभिषेक दीक्षित
अपडेट किया गया सोम, 04 अप्रैल 2022 03:31 PM IST

ख़बर सुनें

चारा घोटाले से जुड़े मामलों में राजद नेता लालू प्रसाद यादव को जमानत देने के झारखंड हाईकोर्ट के दो आदेशों के खिलाफ झारखंड सरकार द्वारा दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने झारखंड हाईकोर्ट के दुमका कोषागार मामले में 17 अप्रैल 2021 और नौ अक्तूबर 2020 को चाईबासा कोषागार मामले में मिली जमानत को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए दोनों ही मामलों में नोटिस जारी किया।

इससे पहले सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि दो धाराओं पर विचार नहीं किया गया है। इस पर जस्टिस राव ने कहा कि जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि लालू दी गई सजा का आधा पहले ही भुगत चुके हैं।

कोर्ट ने कहा कि वे 50 फीसदी नियम का पालन कर रहे हैं। इस पर एएसजी राजू ने कहा कि यह नियम यहां लागू नहीं होता क्योंकि सजा एक के बाद एक चलनी थी। जस्टिस राव ने उनसे पूछा कि कुल मिलाकर सजा कितनी है? इस पर राजू ने जवाब दिया कि यह 14 साल है। तब पीठ ने सवाल किया कि कितनी अवधि जेल में बिताई गई है? जवाब में एएसजी ने कहा कि जिस समय जमानत दी गई थी उस समय लगभग एक वर्ष से कम की अवधि की थी।

चारा घोटाले से जुड़े मामलों में राजद नेता लालू प्रसाद यादव को जमानत देने के झारखंड हाईकोर्ट के दो आदेशों के खिलाफ झारखंड सरकार द्वारा दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने झारखंड हाईकोर्ट के दुमका कोषागार मामले में 17 अप्रैल 2021 और नौ अक्तूबर 2020 को चाईबासा कोषागार मामले में मिली जमानत को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए दोनों ही मामलों में नोटिस जारी किया।

इससे पहले सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि दो धाराओं पर विचार नहीं किया गया है। इस पर जस्टिस राव ने कहा कि जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि लालू दी गई सजा का आधा पहले ही भुगत चुके हैं।

कोर्ट ने कहा कि वे 50 फीसदी नियम का पालन कर रहे हैं। इस पर एएसजी राजू ने कहा कि यह नियम यहां लागू नहीं होता क्योंकि सजा एक के बाद एक चलनी थी। जस्टिस राव ने उनसे पूछा कि कुल मिलाकर सजा कितनी है? इस पर राजू ने जवाब दिया कि यह 14 साल है। तब पीठ ने सवाल किया कि कितनी अवधि जेल में बिताई गई है? जवाब में एएसजी ने कहा कि जिस समय जमानत दी गई थी उस समय लगभग एक वर्ष से कम की अवधि की थी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here