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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव कब खाली करें बंगला… केंद्र तय करे तर्कसंगत तारीख

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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव कब खाली करें बंगला… केंद्र तय करे तर्कसंगत तारीख

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: गौरव पाण्डेय
अपडेट किया गया सोम, 28 मार्च 2022 09:37 PM IST

सार

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में 75 वर्षीय यादव ने कहा है कि वह पिछले 22 साल से इस बंगले में रह रहे हैं और उनकी अनुचित व त्रुटिपूर्ण अयोग्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट का फैसला नहीं आने के बावजूद हाईकोर्ट ने बंगला खाली करने का आदेश दे दिया।

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह स्पष्ट करे कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को सरकारी बंगला खाली करने के लिए मानवीय आधार पर कितना समय दिया जा सकता है। शरद यादव का इस समय कई बीमारियों का इलाज चल रहा है। शीर्ष अदालत ने यादव से भी कहा कि उन्हें वचन देना होगा कि वह एक तय तिथि पर बंगला खाली कर देंगे।

केंद्र सरकार ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सरकारी आवासों की कमी है और केंद्रीय मंत्री पशुपति नाथ पासवान, यादव का बंगला खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हम मामले की राजनीति में नहीं जा रहे हैं लेकिन इस समस्या का समाधान मानवीय दृष्टिकोण से करने के बारे में विचार कर रहे हैं।

इससे पहले शरद यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि यादव का कार्यकाल जुलाई में समाप्त बहो रहा है और वह यह वचन देने के लिए तैयार हैं कि वह तब तक सरकारी बंगला खाली कर देंगे। बता दें कि शरद यादव जुलाई 2020 से 13 बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं और उन्हें इस साल फरवरी में ही अस्पताल से छुट्टी मिली थी।

शरद यादव ने अपना सरकारी बंगला 15 दिन में खाली करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 2017 में राज्यसभा सांसद के लिए अयोग्य ठहराए जाने के आधार पर उन्हें बंगला खाली करने को कहा था।  हाईकोर्ट ने अपने 15 मार्च के आदेश में कहा था कि सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए गए चार साल से अधिक हो गया है।

हाईकोर्ट ने अपने 15 मार्च के आदेश में कहा था कि सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए गए चार साल से अधिक हो गया है। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर 7, तुगलक रोड स्थित बंगला सरकार को सौंप देना चाहिए।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह स्पष्ट करे कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को सरकारी बंगला खाली करने के लिए मानवीय आधार पर कितना समय दिया जा सकता है। शरद यादव का इस समय कई बीमारियों का इलाज चल रहा है। शीर्ष अदालत ने यादव से भी कहा कि उन्हें वचन देना होगा कि वह एक तय तिथि पर बंगला खाली कर देंगे।

केंद्र सरकार ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सरकारी आवासों की कमी है और केंद्रीय मंत्री पशुपति नाथ पासवान, यादव का बंगला खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हम मामले की राजनीति में नहीं जा रहे हैं लेकिन इस समस्या का समाधान मानवीय दृष्टिकोण से करने के बारे में विचार कर रहे हैं।

इससे पहले शरद यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि यादव का कार्यकाल जुलाई में समाप्त बहो रहा है और वह यह वचन देने के लिए तैयार हैं कि वह तब तक सरकारी बंगला खाली कर देंगे। बता दें कि शरद यादव जुलाई 2020 से 13 बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं और उन्हें इस साल फरवरी में ही अस्पताल से छुट्टी मिली थी।

शरद यादव ने अपना सरकारी बंगला 15 दिन में खाली करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 2017 में राज्यसभा सांसद के लिए अयोग्य ठहराए जाने के आधार पर उन्हें बंगला खाली करने को कहा था।  हाईकोर्ट ने अपने 15 मार्च के आदेश में कहा था कि सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए गए चार साल से अधिक हो गया है।

हाईकोर्ट ने अपने 15 मार्च के आदेश में कहा था कि सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए गए चार साल से अधिक हो गया है। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर 7, तुगलक रोड स्थित बंगला सरकार को सौंप देना चाहिए।

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