Home Bihar सीवान में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान, यूपी से महंगे दाम में खरीदने को मजबूर

सीवान में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान, यूपी से महंगे दाम में खरीदने को मजबूर

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सीवान में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान, यूपी से महंगे दाम में खरीदने को मजबूर

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रिपोर्ट- अंकित कुमार सिंह

सीवान. बिहार के सीवान में किसानों को रबी फसल की खेती करना अब मुश्किल हो गया है. सरकारी गोदामों से तो दूर बाजारों से भी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जहां खाद मिल भी रहा है उसका दाम सरकारी मूल्य से कई गुना अधिक है. जिसका प्रभाव किसानों के पॉकेट पर पड़ रहा है. स्थिति ऐसी हो गई है कि रबी फसल की खेती करने के लिए किसान खाद लाने उत्तर प्रदेश जा रहे हैं. जिले में उपलब्धता नहीं होने की वजह से मजबूर में उन्हें उत्तर प्रदेश का रुख कर खाद लाना पड़ रहा है तथा बुआई करनी पड़ रही है. अधिकांश किसान रवि फसल की बुआई के लिए गेहूं की बीज सहित अन्य खाद्य सामग्री उत्तर प्रदेश से ही ला रहे हैं. इसलिए इस बार जिले में उत्तर प्रदेश के खाद और बीज का ही असर देखने को मिलेगा और फसलों की हरियाली उत्तर प्रदेश के खाद से ही कायम रहने वाली है.

पहले बीज तो अब यूरिया के लिए मारामारी
सीवान जिले के 19 प्रखंडों में पहले रबी फसल की बुआई के लिए गेहूं के बीज सहित अन्य खाद सामग्रियों के लिए मारामारी देखी गयी. वहीं अब गेहूं की रोपाई कुछ हिस्सों में करने के बाद यूरिया की किल्लत किसानों के समक्ष आ गई है. इसको लेकर बिस्कोमान के गोदामों पर खाद के लिए मारामारी देखी जा रही है. स्थिति ऐसी हो गई है कि जिले के एक-दो गोदामों को छोड़ सभी दुकानों व गोदामों से यूरिया का स्टॉक समाप्त हो गया है. जिससे किसान यूरिया खाद भी उत्तर प्रदेश से ही जाकर लाने को मजबूर हैं. सीवान जिले के बाजारों में भी उर्वरक की उपलब्धता नहीं है. जहां कहीं मिल भी रहा है तो उनके दामों में वृद्धि कर दोगुने दामों पर बेचा जा रहा है. जिससे किसान काफी परेशान हैं. किसानों की माने तो इस बार की खेती उन्हें काफी महंगी पड़ने वाली है. बावजूद पेट पालने के लिए उन्हें मजबूरी में खेती करना पड़ रहा है.

सरकारी दाम 265 तो बाजारों में खाद 350 के पार
सीवान जिले में पहले बिस्कोमान के गोदामों पर 265 रुपए प्रति बोरा के दर से किसानों को यूरिया खाद की उपलब्धता आधार कार्ड से कराया जाता था. वहीं यूरिया खत्म होने की वजह से बाजारों में 350 रुपए से भी अधिक दरों पर इसे बेचा जा रहा है. कहीं-कहीं तो यूरिया ब्लैक में 400 और से 450 की दर पर बेचे जा रहे हैं. इसके बावजूद महंगे दामों पर भी लोगों को यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से किसान उत्तर प्रदेश का रुख कर यूरिया ला रहे हैं.

बाजारों में बीज के दाम छू रहे आसमान
सीवान जिले के 19 प्रखंडों में ई-किसान भवन में सरकारी मूल्यों पर किसानों के बीच गेहूं के बीज का वितरण किया गया. बावजूद इसके सभी किसानों को गेहूं के बीज उपलब्ध नहीं हो पाये. इसको लेकर भी हंगामा और मारपीट की भी नौबत ई-किसान भवन पर देखने को मिला. ई-किसान भवन पर लगभग 800 से 850 रुपए की दर पर गेहूं के बीज उपलब्ध कराया गया. वहीं बाजारों में ब्लैक में 1600 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक की रेट में गेहूं के बीज बेची जा रही है. इससे पहले इतना ज्यादा उछाल बीज के दामों में कभी नहीं आया था. ऐसा पहली बार हुआ है कि बीज ने इतनी बड़ी छलांग लगाई है.

जिले में कहीं नहीं मिल रहा यूरिया खाद
जिले के सरहरवा गांव निवासी किसान जय प्रकाश यादव ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि वह यूरिया खाद उत्तर प्रदेश के सोहागरा से ला रहे हैं. जिले में लगातार 8 दिनों तक यूरिया की खोज की, लेकिन नहीं मिला. जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश जाना पड़ा और वहां से 460 रुपए प्रति बोरा की दर से यूरिया खाद लेकर आए. उन्होंने आगे बताया कि महंगा होने के बावजूद यूरिया खरीद कर लाना पड़ रहा है क्योंकि जिले में यूरिया की भारी किल्लत है.

टैग: बिहार के समाचार, सीवान न्यूज

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