Home Bihar सिर्फ अब्दुल बारी सिद्दीकी ही नहीं, पहले भी कई नेताओं के बिगड़े बोल ने मचाया सियासी घमासान

सिर्फ अब्दुल बारी सिद्दीकी ही नहीं, पहले भी कई नेताओं के बिगड़े बोल ने मचाया सियासी घमासान

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सिर्फ अब्दुल बारी सिद्दीकी ही नहीं, पहले भी कई नेताओं के बिगड़े बोल ने मचाया सियासी घमासान

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Hate Speech In Bihar: सलमान खुर्शीद, राशिद अल्वी, हन्नान मोल्ला, राहुल गांधी, जावेद अख्तर और कंगना रणत जैसे नेताओं-अभिनेताओं के बयान पर कभी घमासान मचा था। इन दिनों बिहार में आरजेडी के सीनियर लीडर अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर संग्राम छिड़ा हुआ है। सिद्दीकी ने कहा है कि भारत मुसलमानों के रहने लायक नहीं।

ओमप्रकाश अश्क, पटना: नेताओं के बिगड़े बोल-बयानों से देश में एक नयी संस्कृति जन्म ले रही है। ऐसे नेताओं-बुद्धिजीवियों की फेहरिश्त बनायें तो काफी लंबी हो जाएगी। छोटे स्तर के लोगों को छोड़ भी दें तो बड़े लोगों की बेढंगी बतकही चिंताजनक है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने अपनी किताब- सन राइज ओवर अयोध्या (Sunrise Over Ayodhya) में हिन्दुत्व की तुलना मुस्लिम संगठन आईसिस (ISIS) और बोको हरम जैसे संगठनों से कर दी थी। कांग्रेस के ही एक नेता राशिद अल्वी ने जय श्री राम का नारा लगाने वालों की तुलना रामायण के कालनेमि राक्षस से कर दी थी। उन्होंने कहा था कि जय श्री राम का नारा लगाने वाले या रामराज्य की बात करने वाले कालनेमि राक्षस के समान हैं। दरअसल भाजपा के विरोध के नाम पर विरोधी दलों के नेता विवादित बयान देते रहे हैं, लेकिन इसका फायदा उठाने में भाजपा अक्सर आगे निकलती रही है। आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी भाजपा के प्रति विरोध जताने के लिए ही ऐसा बयान दिया है। इसका कितना फायदा उन्हें, उनके दल या गठबंधन को मिल पाएगा, यह तो समय बतायेगा, लेकिन माहौल बिगाड़ने के लिए उनका बयान काफी है।

क्या कहा है आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने

राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है- ‘भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं। इसी वजह से उन्होंने अपने बच्चों को देश के बाहर रहने के लिए कह दिया है। उनका एक बेटा है, जो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ता है और एक बेटी है, जो लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की पास आउट है। लेकिन देश का जो माहौल है, ऐसे में उन्होंने अपने बेटा-बेटी को कह दिया है कि उधर ही नौकरी कर लो, क्योंकि अब भारत में माहौल नहीं रह गया है।’ भाजपा ने उनके इसके बयान को देश विरोधी करार दिया है। इसे लेकर कोई उन्हें पाकिस्तान जाने की सलाह दे रहा है तो कोई उनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत बता रहा है।
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नेताओं के विवादित बोल पर पहले भी होता रहा है बवाल

टेढ़ेमेढ़े बयान देने के मामले में सबसे आगे कांग्रेस के नेता रहे हैं। हालांकि कुछ बुद्धिजीवी भी कई बार आपा खो देते हैं। कुछ ही दिनों पहले पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी अपने एक विवादित बयान से फंस गये थे। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कह कर संबोधित किया था। भारी हंगामे और फजीहत के बाद अधीर को माफी मांगनी पड़ी थी। कांग्रेस के एक और नेता राशिद अल्वी (Rashid Alvi) ने भी एक बार बेढंगा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जय श्री राम का नारा लगाने वाले राम भक्त राक्षस हैं। देश में जो जय श्री राम का नारा लगाते हैं, वे लोगों को भ्रमित करते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। कांग्रेस नेताओं के बयानों में सबसे ज्यादा चर्चित मणिशंकर अय्यर का रहा। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त नरेंद्र मोदी को चायवाला कह दिया था। उन्होंने कहा था कि मोदी कांग्रेस की बैठकों में चाय बांट सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। मणिशंकर अय्यर ने 2017 के गुजरात चुनाव के दौरान भी नरेंद्र मोदी पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने पीएम मोदी को ‘नीच इंसान’ कहा था। उन्हें इस बयान के लिए कांग्रेस ने निलंबित भी कर दिया था। हालांकि बाद में अय्यर का निलंबन रद्द हो गया था।
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सोनिया गांधी ने मोदी को मौत का सौदागर कहा था

2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयानों की तो खूब चर्चा रही। उन्होंने 2012 में कहा था कि देश में शौचालयों से ज्यादा मंदिर हैं। उनके इस बयान का हिन्दू संगठनों ने जबरदस्त विरोध किया था। कुछ ही महीने पहले सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के दौरान कर्नाटक के कांग्रेस विधायक केआर रमेश कुमार ने कहा कि नेहरू, इंदिरा और सोनिया गांधी के नाम पर हमने अपनी तीन-चार पीढ़ियों के लिए खूब पैसा कमाया। अब कांग्रेस और सोनिया गांधी के लिए हम इतना भी त्याग नहीं कर सकते तो ये अच्छा नहीं होगा। इससे पहले भी रमेश कुमार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। दिसंबर 2021 में उन्होंने कहा था कि रेप रोक न सको तो लेट कर मजे ले लो। इस बयान के बाद कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई थी।

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उल्टा-सीधा बयान देने वालों में और भी लोग शामिल हैं

पद्मश्री से सम्मानित कंगना रणौत ने तो अपने एक बयान से सबको सकते में डाल दिया था। उन्होंने कहा था कि आजादी 1947 में नहीं मिली थी, बल्कि असली आजादी 2014 में भाजपा के सत्ता में आने पर मिली। 1947 में जो आजादी मिली थी, वह तो भीख थी। जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने तो एक बार यह कह कर सबको चौंका दिया था कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के दलाल थे। मार्कंडेय काटजू के पिता कैलास काटजू कभी ओड़िशा और बंगाल के राज्यपाल रहे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने थे। कुछ दिनों के लिए तो वे देश के रक्षा मंत्री भी रहे। फिल्म अभिनेता शाहरुख खान ने भी एक बार कमाल का बयान दिया था। कुछ साल पहले उन्होंने कहा था कि गांजा-भांग या शराब के सेवन से वे अपनी औलाद को कभी मना नहीं करेंगे।
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राहुल गांधी, हन्नान मोल्ला और जावेद अख्तर भी पीछे नहीं

बंगाल के एक नेता हैं हन्नान मोल्ला। उन्होंने आरएसएस के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। हन्नान मोल्ला ने कहा था कि तालिबान जो काम दूसरे देश में कर रहा है, वैसा ही काम आरएसएस (RSS) भारत में कर रहा है। मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने भी हन्नान मोल्ला की तरह ही आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद की तुलना तालिबान से की थी। दिल्ली में 2020 में भड़की हिंसा पर भी जावेद अख्तर का विवादित बयान आया था। उन्होंने कहा था- कई लोग मारे गये, कई घायल हैं, कई घर जला दिये गये, कई लोग बेसहारा हो गये, लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक घर को सील किया और उसके मालिक की तलाश कर रही है। दुर्भाग्य से उसका नाम ताहिर है। ताहिर के समर्थन में उनके ट्वीट से काफी बवाल मचा था। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तो मोल्ला से एक कदम आगे निकल गये। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व अलग-अलग हैं। बीजेपी और आरएसएस देश में नफरत फैला रहे हैं।
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इन नेताओं, कलाकारों और बुद्धिजीवियों को ऐसे बयान देने से लगता है कि उनका राजनीतिक कद बढ़ जाएगा या समाज में उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी, पर सच तो यह है कि इससे सामाजिक सौहार्द ही बिगड़ता है। रही बात राजनीतिक नफे की तो अभी तक तो यही देखने में आया है कि भाजपा या नरेंद्र मोदी के विरोध के नाम पर ऐसे बयानों का लाभ अब तक विपक्षी दलों को नहीं मिल पाया है। हाल ही संपन्न गुजरात विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी को सौ सिर वाला रावण तक कह दिया था। इसके बावजूद वहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया।
(ओमप्रकाश अश्क वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों के जानकार हैं। आलेख में व्यक्त विचार उनके निजी हैं)

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