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मो. सरफराज आलम
सहरसा. बिहार में कृषि के क्षेत्र में नये-नये प्रयोग किये जा रहे हैं. कोसी के इलाके में भी जहां किसान बाढ़ और सूखे से लगातार परेशान दिख रहे हैं, वहां लोग धान-गेहूं की परंपरागत खेती के साथ-साथ प्रयोग के तौर पर आयुर्वेदिक पौधों और फलों की खेती शुरू करने लगे हैं. वो दिन दूर नहीं, जब सहरसा जिले के बनगांव का संतरा यहां के बाजारों में मिलेगा. यहां के किसान सिद्धार्थ कुमार मिश्रा ने नारंगी की खेती शुरू की है. इसके लिए उन्होंने नागपुर से नारंगी का पौधा मंगवाया था. अब दो साल बात उनकी मेहनत रंग ला रही है.
सिद्धार्थ ने बताया कि वो मिथलायन किसान उत्पादन बनगांव के सदस्य किसान हैं. पहली बार हमलोगों ने कोसी क्षेत्र में संतरे की खेती की है. हमने नागपुर से नागपुरी प्रजाति के संतरे के कुछ पौधे मंगवाये थे. अब यह पौधे दो साल के हो गए हैं. पहले साल से इसमें बढ़िया फलन होने लगा है. इसका स्वाद और साइज भी ठीक है. उन्होंने बताया कि कोसी में पहली बार बनगांव में संतरे की खेती शुरू हुई है. परिणाम अच्छा आने से अब हमलोग संतरे की खेती यहां बड़े पैमाने पर करने की सोच रहे हैं. आने वाले दिनों में कोसी क्षेत्र के बाजारों में बनगांव का संतरा दिखना शुरू हो जाएगा.
चेक करने के लिये लगाये थे नागपुरी संतरे के 25 पौधे
उन्होंने बताया कि हमलोगों ने अभी संतरे के पच्चीस पौधे लगाये हैं. शुरुआत में यह देखने के उद्देश्य से संतरा का पौधा लगाया था कि इसमें कैसा फलन होता है. नागपुर जैसा स्वाद हमारे कोसी की मिट्टी से निकलती है या नहीं. लेकिन हम लोगों की मेहनत अब रंग ला रही है. जल्दी ही बड़े पैमाने पर यहां नारंगी की खेती की जाएगी. वहीं, स्थानीय आशीष कुमार ने बताया कि यहां फलने वाले संतरे की नागपुर जैसी ही क्वालिटी है, इसका फल भी मीठा है.
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पहले प्रकाशित : जनवरी 09, 2023, 18:44 IST
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