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जानकारी के अनुसार, पूजा सिंघल के करीबी एक सीए के घर से 25 करोड़ रुपये ( 25 Crore Cash Recovered ) कैश मिलने की खबर है। ईडी के अधिकारी नोट गिनने वाली मशीन से कैश गिनने में जुटे हुए हैं। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूजा सिंघल के घर से भी कई दस्तावेज और अहम कागजात मिलने की बात कही जा रही है।
कौन हैं पूजा सिंघल
पूजा सिंघल झारखंड की सीनियर अधिकारी हैं। वर्तमान में उनके पास उद्योग सचिव और खान सचिव का प्रभार है। इसके अलावा पूजा सिंघल झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी ) की चेयरमैन भी हैं। बता दें कि पूजा सिंघल इससे पहले भी बीजेपी की सरकार में कृषि सचिव के पद पर तैनात थीं। पूजा मनरेगा घोटाले के वक्त खूंटी में डीसी पद पर तैनात थीं।
कभी खोजती थीं ‘उड़ने वाले हाथी’
हेमंत सरकार से पहले झारखंड में बीजेपी की सरकार थी। तब रघुवर दास मुख्यमंत्री थे। बताया जाता है कि उस वक्त मैडम की भूमिका ‘उड़ने वाले हाथी’ की खोज में महत्वपूर्ण थी। रघुवर दास उस वक्त हर सप्ताह सूचना भवन में जनसंवाद का आयोजन करते थे। उसी दौरान धनबाद से आया एक फरियादी ने कहा कि उसका धनबाद मार्केंटिंग बोर्ड में दुकान है। अधिकारी पैसा मांगता है। कहता है कि पैसे ऊपर तक जाता है। कोई मैडम हैं रांची में पूजा सिंघल पुरवार, उनको भी पैसा पहुंचाना पड़ता है।
यह संयोग था कि पूजा सिंघल उस फरियादी के एकदम बगल में उस वक्त बैठी हुईं थीं। पूजा सिंघल उस समय कृषि विभाग की सचिव थीं। जब उस बुर्जुग ने अपनी बातें रखी तो पूरा कक्ष ठहाके से गूंज उठा। थोड़ी देर के लिए रघुवर भी शांत हो गए। पूजा सिंघल फर्श पर इस कदर देख रही थीं, मानो धरती फट जाए और वह उसमें समा जाएं।
मैनेजमेंट में माहिर हैं पूजा सिंघल
इस घटना के कुछ दिनों के बाद ही प्रदेश में सरकार बदल गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बन गए। सीएम से लेकर मीडिया मैनेज करने वाली पूजा सिंघल अपनी पदस्थापना के जरिए पहले से और अधिक ताकतवर हो गई। बता दें कि पूजा की शादी आईएएस अधिकारी राहुल पुरावर से हुई थी। पारिवारिक विवाद के कारण उन्हें तलाक लेना पड़ा और बाद में उन्होंने अभिषेक से शादी की। अभिषेक रांची में पल्स अस्पताल का संचालन करते हैं।
विवादों से रहा है गहरा नाता
आईएएस पूजा सिंघल पर चतरा, खूंटी और पलामू जिले में उपायुक्त रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता के कई गंभीर आरोप लगे हैं। ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपत्र पत्र दायर की थी। खूंटी में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के वक्त पूजा सिंघल ही वहां उपायुक्त थी। जबकि चतरा में भी अगस्त 2007 से 2008 तक पूजा सिंघल उपायुक्त थी और वहां भी उनपर गड़बड़ी का आरोप लगा था। जबकि पलामू में उपायुक्त रहने के दौरान पूजा सिंघल पर करीब 83 एकड़ भूमि एक निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर करने का आरोप लगा है।
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