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… तो सरकार का बयान माना जाएगा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि लालू यादव के विभाजनकारी विद्वेष आधारित विद्यालय से कुशिक्षित शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से और क्या अपेक्षा की जा सकती है ? राम भारत के अग्रपुरुष हैं और जिनकी मर्यादा से मनुष्यों में सर्व समाज उत्थान चेतना को प्रवाह मिलता है, उसको बदनाम करने का कुचक्र अब बिहार में भी परिलक्षित होने लगा है। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश- तेजस्वी चंद्रशेखर को मंत्री पद से बर्खास्त नहीं करते हैं तो रामचरितमानस पर दिया गया यह बयान सरकार का बयान माना जाएगा।
बिहार में गूंज रहे होते ‘सर तन से जुदा’ के नारे
उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि यदि उन्होंने रामचरितमानस के बजाए किसी अन्य धर्मविशेष की धार्मिक किताब पर ऐसी टिप्पणी की होती तो नीतीश कुमार कब का चन्द्रशेखर को किनारे लगा चुके होते और चंद्रशेखर के खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ के नारे पूरे बिहार में गूंज रहे होते। इधर, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से जातीय उन्माद पैदा करने की कोशिश की जा रही है, ताकि 90 के दशक को पुन: जीवित किया जा सके।
चंद्रशेखर को तीन साल की सजा मिलनी चाहिए
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने कहा की चंद्रशेखर पर धारा 295 ए के तहत मामला चलाकर 3 वर्षों की सजा मिलनी चाहिए। विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा की चंद्रशेखर का मानसिक संतुलन खो गया है और उन्हें तुरंत कोइलवर के मानसिक आरोग्यशाला में भेजा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए रामचरित मानस की एक चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ नफरत पैदा करता है।
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