Home Bihar सबसे बड़ा हिंदू मंदिर: बिहार के केसरिया में निर्माण शुरू होने की तैयारी, जानिए इसके बारे में सब कुछ

सबसे बड़ा हिंदू मंदिर: बिहार के केसरिया में निर्माण शुरू होने की तैयारी, जानिए इसके बारे में सब कुछ

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सबसे बड़ा हिंदू मंदिर: बिहार के केसरिया में निर्माण शुरू होने की तैयारी, जानिए इसके बारे में सब कुछ

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 14 Feb 2022 02:49 PM IST

सार

इस मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके, इसके लिए इसे बनाने वाली संस्था महावीर मंदिर ट्रस्ट संशोधित टेंडर जारी करने की योजना बना रही है।

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अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जारी है। वहीं, बिहार में राम-जानकी पथ पर स्थित ऐतिहासिक शहर केसरिया में ‘विराट रामायण मंदिर’ का निर्माण शुरू होने की तैयारी है। यह मंदिर हिंदुओं का विश्व में सबसे बड़ा मंदिर होगा। 

इस मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके, इसके लिए इसे बनाने वाली संस्था महावीर मंदिर ट्रस्ट संशोधित टेंडर जारी करने की योजना बना रही है। इसमें मंदिर कम से कम 250 साल तक कायम रहे, ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं। यह राम-जानकी पथ परियोजना का हिस्सा होगा। राम जानकी पथ अयोध्या से जनकपुर (नेपाल) को जोड़ने की योजना है। केसरिया शहर पूर्वी चंपारण जिले में आता है।

कहा जा रहा है कि दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण में संलग्न कुछ कंपनियां इस  मंदिर के निर्माण में जुड़ सकती हैं। पहले इस मंदिर का 100 साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा था। अब इसे 250 के जीवनकाल के अनुसार बनवाने पर विचार चल रहा है। गुजरात सरकार की यह योजना 2018 में बन कर तैयार हो गई है। सरदार पटेल की प्रतिमा को बने तीन साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। 

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के पूर्व महानिदेशक मोहित कुमार जायसवाल को इस परियोजना की तकनीकी इकाई का प्रमुख बनाया गया है। महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य कुणाल किशोर ने कहा कि मंदिर का निर्माण कम से कम 250 साल तक जस का तस रहे, इसे ध्यान में रखकर यह बनाया जाना चाहिए। 

कंबोडिया की सरकार ने जताया ऐतराज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मंदिर के मॉडल का अनावरण नवंबर 2013 में द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की मौजूदगी में किया था। इस मंदिर की डिजाइन को लेकर कंबोडिया की सरकार ने ऐतराज जताया था। उसका कहना है कि इसकी डिजाइन 12 वीं सदी के अंकोरवाट मंदिर की तरह है। अंकोरवाट के मंदिर यूनेस्को की विरासत है। भारत सरकार के समक्ष की गई आपत्ति के बाद विराट रामायण मंदिर की योजना अटकी हुई है। 

प्रस्तावित ‘विराट रामायण मंदिर’ की योजना एक नजर में

  • केसरिया नगर के जानकीपुर में यह मंदिर बनेगा।
  • यह कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर से भी दुगुनी ऊँचाई का होगा। 
  • मंदिर में 20 हजार लोग एक साथ बैठ सकेंगे। 
  • यह मंदिर समूह होगा। इसमें कुल 18 देवताओं के मंदिर होंगे। मुख्य अराध्य भगवान राम होंगे।
  • यह मंदिर लगभग 405 फीट ऊँचा होगा जिससे यह विश्व का सबसे ऊँचा मंदिर होगा।
  • मंदिर के निमार्ण कार्य में लगभग 500 करोड़ रूपये खर्च होंगे।
  • इसकी आकृति अंकोरवाट, रामेश्वरम और मीनाक्षी मंदिरों जैसी होगी। 
  • मंदिर में 33 फीट ऊँचा विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग को स्थापित करने की भी योजना है।
  • मंदिर परिसर की लंबाई 2800 फीट और चौड़ाई 1400 फीट होगी।
  • मुख्य शिखर की ऊँचाई 405 फीट होगी।
  • कुल क्षेत्रफल लगभग 39,20,000 वर्ग फीट ( करीब 200 एकड़) होगा।

विस्तार

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जारी है। वहीं, बिहार में राम-जानकी पथ पर स्थित ऐतिहासिक शहर केसरिया में ‘विराट रामायण मंदिर’ का निर्माण शुरू होने की तैयारी है। यह मंदिर हिंदुओं का विश्व में सबसे बड़ा मंदिर होगा। 

इस मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके, इसके लिए इसे बनाने वाली संस्था महावीर मंदिर ट्रस्ट संशोधित टेंडर जारी करने की योजना बना रही है। इसमें मंदिर कम से कम 250 साल तक कायम रहे, ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं। यह राम-जानकी पथ परियोजना का हिस्सा होगा। राम जानकी पथ अयोध्या से जनकपुर (नेपाल) को जोड़ने की योजना है। केसरिया शहर पूर्वी चंपारण जिले में आता है।

कहा जा रहा है कि दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण में संलग्न कुछ कंपनियां इस  मंदिर के निर्माण में जुड़ सकती हैं। पहले इस मंदिर का 100 साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा था। अब इसे 250 के जीवनकाल के अनुसार बनवाने पर विचार चल रहा है। गुजरात सरकार की यह योजना 2018 में बन कर तैयार हो गई है। सरदार पटेल की प्रतिमा को बने तीन साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। 

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के पूर्व महानिदेशक मोहित कुमार जायसवाल को इस परियोजना की तकनीकी इकाई का प्रमुख बनाया गया है। महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य कुणाल किशोर ने कहा कि मंदिर का निर्माण कम से कम 250 साल तक जस का तस रहे, इसे ध्यान में रखकर यह बनाया जाना चाहिए। 

कंबोडिया की सरकार ने जताया ऐतराज

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मंदिर के मॉडल का अनावरण नवंबर 2013 में द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की मौजूदगी में किया था। इस मंदिर की डिजाइन को लेकर कंबोडिया की सरकार ने ऐतराज जताया था। उसका कहना है कि इसकी डिजाइन 12 वीं सदी के अंकोरवाट मंदिर की तरह है। अंकोरवाट के मंदिर यूनेस्को की विरासत है। भारत सरकार के समक्ष की गई आपत्ति के बाद विराट रामायण मंदिर की योजना अटकी हुई है। 

प्रस्तावित ‘विराट रामायण मंदिर’ की योजना एक नजर में

  • केसरिया नगर के जानकीपुर में यह मंदिर बनेगा।
  • यह कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर से भी दुगुनी ऊँचाई का होगा। 
  • मंदिर में 20 हजार लोग एक साथ बैठ सकेंगे। 
  • यह मंदिर समूह होगा। इसमें कुल 18 देवताओं के मंदिर होंगे। मुख्य अराध्य भगवान राम होंगे।
  • यह मंदिर लगभग 405 फीट ऊँचा होगा जिससे यह विश्व का सबसे ऊँचा मंदिर होगा।
  • मंदिर के निमार्ण कार्य में लगभग 500 करोड़ रूपये खर्च होंगे।
  • इसकी आकृति अंकोरवाट, रामेश्वरम और मीनाक्षी मंदिरों जैसी होगी। 
  • मंदिर में 33 फीट ऊँचा विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग को स्थापित करने की भी योजना है।
  • मंदिर परिसर की लंबाई 2800 फीट और चौड़ाई 1400 फीट होगी।
  • मुख्य शिखर की ऊँचाई 405 फीट होगी।
  • कुल क्षेत्रफल लगभग 39,20,000 वर्ग फीट ( करीब 200 एकड़) होगा।

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