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लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में पांच जून, 1974 में पटना के गांधी मैदान में जो बैठक हुई थी उसी की याद में हर वर्ष इस दिन को ‘संपूर्ण क्रांति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर बिहार में विपक्षी महागठबंधन ने रविवार को केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर भारत में ‘अघोषित आपातकाल’ लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि असहमति जताने वालों को जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’ के जरिये दबाया जा रहा है और सत्ता पक्ष की आलोचना करने वाले लोगों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, जो बिहार में विपक्ष के नेता हैं, ने भाकपा और भाकपा (माले) के महासचिव डी राजा और दीपांकर भट्टाचार्य के साथ पटना में एक विशाल सभा को संबोधित किया। यह सभा जयप्रकाश नारायण द्वारा शहर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘संपूर्ण क्रांति’ के आह्वान की 48वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई।
तेजस्वी ने राजग के ‘कुशासन’ पर रिपोर्ट कार्ड पेश किया
सभा में तेजस्वी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के कथित ‘कुशासन’ को लेकर एक ‘रिपोर्ट कार्ड’ पेश किया। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट कार्ड में यह रेखांकित करने की कोशिश की गई है कि राज्य में भले ही एक समाजवादी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार है, लेकिन वह ‘नागपुर के एजेंडे के हिसाब से’ चल रही है। तेजस्वी का इशारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय की तरफ माना जा रहा है।
राजग पर ‘पिछले दरवाजे से सत्ता’ हासिल करने का आरोप
उन्होंने राजग पर ‘पिछले दरवाजे से सत्ता’ हासिल करने का आरोप लगाया। इसे लगभग चार साल की कटुता के बाद 2017 में भाजपा और जद (यू) के अचानक साथ आने और 2020 के विधानसभा चुनावों में प्रशासनिक मशीनरी के कथित दुरुपयोग के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसमें महागठबंधन जीत से कुछ कदम दूर रह गया था।
तेजस्वी ने दावा किया कि उनकी पार्टी ‘एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय दल है, जिसने कभी भी भाजपा के साथ समझौता नहीं किया है। उन्होंने लोगों को अपने पिता लालू प्रसाद की याद दिलाई और कहा कि सभी जांच एजेंसियों के उनके पीछे पड़ जाने के बावजूद वे कभी नहीं झुके। तेजस्वी ने आश्चर्य जताया कि जब अल्पसंख्यक समुदाय का कोई भी सदस्य शीर्ष संवैधानिक पदों पर नहीं है तो उन्हें मुसलमानों से खतरा क्यों महसूस होता है।
फेसबुक पोस्ट के जरिए लालू प्रसाद यादव ने दिया संदेश
राजद की ओर से आयोजित इस सभा में अस्वस्थ्य होने की वजह से लालू प्रसाद नहीं पहुंच सके। लेकिन उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपना संदेश दिया। जयप्रकाश नारायण के उद्घोष.. ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है!’ को याद करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि “आज “सम्पूर्ण क्रांति दिवस” के अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश जी को शत् शत् नमन। 48 वर्ष पूर्व उनके नेतृत्व में छात्र नेता के तौर पर हमने तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अब वर्तमान में भी लड़ रहे है। हम पैदा ही असमानता एवं अधिनायकवादी तंत्र के खिलाफ लड़ने के लिए हुए हैं।”
‘अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मुख्यधारा में लाना है’
लालू प्रसाद यादव ने अपने संदेश में कहा कि “लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने स्वयं सम्पूर्ण क्रांति का अर्थ बताया था कि समाज के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्यधारा में लाना है!”
देश में गृहयुद्ध की स्थिति: लालू
लालू यादव ने आगे कहा कि “जयप्रकाश नारायण ने देश में तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आज फिर वही स्थिति सामने है, कुछ फिरकापरस्त ताकतें हैं जो देश के भाईचारे और एकता को मिटाना चाहती है। जिस तरह से भाजपा कार्य कर रही है उससे देश में गृहयुद्ध (सिविल वार) की स्थिति हो रही है।”
लालू प्रसाद ने कहा कि “मैं देश की जनता से महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार होने का आह्वान करता हूं।” उन्होंने सभी सेक्युलर दल दलों और जयप्रकाश नारायण को मानने वालों को एक साथ आने की अपील की। उन्होंने कहा कि “हमें एकजुट होकर लड़ना है, पीछे नहीं हटना है, और हम जितेंगे। जिस तरह संपूर्ण क्रांति के लिए जयप्रकाश जी ने लाखों लोगों को तैयार किया था। मैं आपसे अपील करता हूं आपसब एकजुट रहें हमसब मिलकर इस लड़ाई को लड़ेंगे और जितेंगे।”
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