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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
द्वारा प्रकाशित: अजय सिंह
अपडेट किया गया गुरु, 31 मार्च 2022 10:14 AM IST
सार
संशोधित कानून के अनुसार, पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिल जाएगी और यदि अपराधी जुर्माना राशि जमा करने में सक्षम नहीं है तो उसे एक महीने की जेल का सामना करना पड़ सकता है।
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विस्तार
जहरीली शराब से राज्यों में हुई मौतों पर सीएम ने सवालिया लहजे में कहा कि जो जहरीली शराब पी लिया और मर गया तो उसको राहत देंगे? शराब पीने गया तब न मरा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहरीली शराब सिर्फ बिहार की बात नहीं है। जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है वहां जहरीली शराब से अधिक लोग मर रहे हैं।
विपक्ष ने नीतीश को घेरा
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने आरोप लगाया कि संशोधित कानून पुलिसकर्मियों को अधिक अधिकार देगा। राज्य सरकार के इस कदम से पुलिस और शराब माफिया के बीच गठजोड़ और मजबूत होगा। राजद विधायक ऋषि कुमार ने कहा कि नया कानून जिसमें कहा गया है कि शराब पीते हुए लोगों को जेल नहीं होगी, काफी हास्यास्पद है। यह साबित करता है कि राज्य में शराबबंदी नीति विफल हो गई है और इसे समाप्त किया जाना चाहिए।
शराबबंदी कानून में प्रमुख बदलाव
- अब शराब पीते पकड़े गए तो एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पास से जमानत
- बार-बार अपराध पर अतिरिक्त जुर्माना या जेल या दोनों
- शराब बरादमगी वाले स्थल को एएसआई भी सील कर सकेंगे
- जब्त वाहन जुर्माना देकर छूट सकेंगे, डीएम को मिला अधिकार
- बरामदगी स्थल पर ही नष्ट हो सकेगी जब्त शराब
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