Home Bihar शरद के नाम कुशवाहा के आंसू: बोले- अंतिम समय उन्हें देखने वाला कोई राजनेता नहीं था, चूड़ा-दही की पार्टी कैंसिल

शरद के नाम कुशवाहा के आंसू: बोले- अंतिम समय उन्हें देखने वाला कोई राजनेता नहीं था, चूड़ा-दही की पार्टी कैंसिल

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शरद के नाम कुशवाहा के आंसू: बोले- अंतिम समय उन्हें देखने वाला कोई राजनेता नहीं था, चूड़ा-दही की पार्टी कैंसिल

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उपेंद्र कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

शरद यादव के निधन पर जनता दल यूनाईटेड संसदीय बोर्ड के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह इस बात से हमेशा परेशान रहते थे कि पिछले कुछ दिनों से उनका समाचार लेने वाला कोई नहीं। सोशल मीडिया पर शरद यादव को श्रद्धांजलि देने के बाद कुशवाहा ने मीडिया से यह बातें कहीं। उनका समाचार लेने वाला कोई नहीं था…कहकर उपेंद्र कुशवाहा ने शरद यादव को गुरु मानने वाले राजनेताओं पर सीधा हमला किया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने चूड़ा-दही की अपनी पार्टी कैंसिल करने का मौका भी तलाश लिया।

सपना टूटने के बाद नॉट रिचेबल थे उपेंद्र

बुधवार को दोपहर तक कुशवाहा अपनी चूड़ा-दही पार्टी की जोर-शोर से तैयारी कर रहे थे। लोगों को आमंत्रित भी कर रहे थे। यह जानते हुए भी कि लालू की गैरहाजिरी में अप्रत्याशित रूप से राजद ने राबड़ी आवास में भी ऐसी ही पार्टी रख दी है। लेकिन, बुधवार की शाम जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके अरमानों पर पानी फेरा तो वह नॉट रिचेबल हो गए। नीतीश कुमार ने साफ कह दिया कि डिप्टी सीएम बनाए जाने की कोई बात नहीं, जबकि कुशवाहा अपने सपने के साकार होने का इंतजार कर रहे थे। बुधवार की शाम नीतीश के बयान के बाद ‘अमर उजाला’ ने उनके हर नंबर पर संपर्क करना चाहा, लेकिन बात नहीं हुई। माना जा रहा है कि टूटे दिल के साथ वह चूड़ा-दही पार्टी करने के मूड में भी नहीं थे। गुरुवार की रात शरद यादव के निधन की खबर आई और शुक्रवार को राजद के साथ ही कुशवाहा ने भी अपनी चूड़ा-दही पार्टी इसी नाम पर कैंसिल कर दी।

बिहार की राजनीति में चूड़ा-दही पार्टी मायने रखती है

राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के घर मकर-संक्राति पर चूड़ा-दही पार्टी राजनीतिक दिग्गजों के जुटान की जगह रही है। कई बार इसी पार्टी में लालू बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव कर देते थे। उनकी चूड़ा-दही पार्टी में जी-जान से जुटने वाले कई गैर-राजनीतिक चेहरों को वह राजनीति में भी ले आते थे। लालू के घर की इस पार्टी की शान कभी नहीं घटी। इस बार लालू प्रसाद इलाज के सिलसिले में सिंगापुर में ही हैं, लेकिन राजद ने राजनीतिक धुरंधरों के जुटान के लिए राबड़ी आवास में इस पार्टी की तैयारी रखी थी। पिछले साल भी तेज प्रताप यादव ने जोर-शोर से यह पार्टी दी थी। शरद यादव के निधन की खबर के बाद कैंसिल हुई इन दोनों पार्टियों ने यह भी तय कर दिया है कि फिलहाल बिहार में महागठबंधन के अंदर सियासी गर्मी थोड़ी कम होगी। दोनों जगह पार्टी होती तो जदयू बनाम राजद की भीड़ की तुलना का मौका बनता, वह भी अब नहीं बनेगा।



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