Home Bihar वाह रे बिहार: पंचायत भवन को बेचने का मामला आया सामने, सीएम और मंत्रियों के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल

वाह रे बिहार: पंचायत भवन को बेचने का मामला आया सामने, सीएम और मंत्रियों के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल

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वाह रे बिहार: पंचायत भवन को बेचने का मामला आया सामने, सीएम और मंत्रियों के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल

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सार

इस मामले में मुजफ्फरपुर अदालत में इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री राम सुरती और उनके एक कैबिनेट सहयोगी के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।

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उत्तरी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कथित तौर पर बिना अनुमति के एक पंचायत भवन को गिराए जाने के बाद मलबे से निकाली गई ईंटों को बेचने के बाद राज्य में विवाद खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार, औराई प्रखंड के औराई पंचायत भवन को मुखिया उमाशंकर गुप्ता के निर्देश पर तोड़ दिया गया था। इसके बाद मुखिया और पंचायत सचिव ने उसके मलबे को बेच डाला था। फिलहाल इस मामले में पंचायती राज विभाग के अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं। वहीं, इस मामले में मुजफ्फरपुर अदालत में इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री राम सुरती और उनके एक कैबिनेट सहयोगी के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।

इस मामले को लेकर राजनेताओं  की बयानबाजी भी शुरू हो गई है। राजस्व मंत्री राम सुरती राय ने पटना में इसे लेकर कहा कि यह पूछताछ का विषय है। यदि अवैध रूप से पंचायत भवन को गिराया गया है तो दोषियों को दंडित किया जाएगा, लेकिन अगर मुखिया ने संबंधित अधिकारियों से आवश्यक अनुमति से ले ली थी तो हम इसे अनियमितता नहीं कह सकते।

गौरतलब है कि मुखिया ने इस मामले में दावा किया था कि पंचायत भवन अनुपयोगी स्थिति में था, इसकी जगह समुदायिक भवन बनेगा। वहीं स्थानीय निवासियों का आरोप है कि मुखिया उमाशंकर गुप्ता इस मामले में झूठ बोल रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कुछ महीने पहले हुए पंचायत चुनाव के दौरान इमारत को मतदान केंद्र बनाया गया था।

इस बीच, मुजफ्फरपुर अदालत में इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री राम सुरती और उनके एक कैबिनेट सहयोगी को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पश्चिम) की अदालत में लोक चेतना दल के संस्थापक और प्रमुख आनंद कुमार झा ने मामला दर्ज कराया है।

झा के वकील मनोज सिंह ने बताया कि हमारी याचिका पर 21 मई को सुनवाई होगी। मुख्यमंत्री और राय के अलावा पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, मुखिया और मुजफ्फरपुर के डीएम प्रणव कुमार सहित तीन सरकारी अधिकारियों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। आनंद कुमार झा ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ 120 (बी) (आपराधिक साजिश), 406 (विश्वास भंग) और 420 (धोखाधड़ी) सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की गई है।

विस्तार

उत्तरी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कथित तौर पर बिना अनुमति के एक पंचायत भवन को गिराए जाने के बाद मलबे से निकाली गई ईंटों को बेचने के बाद राज्य में विवाद खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार, औराई प्रखंड के औराई पंचायत भवन को मुखिया उमाशंकर गुप्ता के निर्देश पर तोड़ दिया गया था। इसके बाद मुखिया और पंचायत सचिव ने उसके मलबे को बेच डाला था। फिलहाल इस मामले में पंचायती राज विभाग के अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं। वहीं, इस मामले में मुजफ्फरपुर अदालत में इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री राम सुरती और उनके एक कैबिनेट सहयोगी के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।

इस मामले को लेकर राजनेताओं  की बयानबाजी भी शुरू हो गई है। राजस्व मंत्री राम सुरती राय ने पटना में इसे लेकर कहा कि यह पूछताछ का विषय है। यदि अवैध रूप से पंचायत भवन को गिराया गया है तो दोषियों को दंडित किया जाएगा, लेकिन अगर मुखिया ने संबंधित अधिकारियों से आवश्यक अनुमति से ले ली थी तो हम इसे अनियमितता नहीं कह सकते।

गौरतलब है कि मुखिया ने इस मामले में दावा किया था कि पंचायत भवन अनुपयोगी स्थिति में था, इसकी जगह समुदायिक भवन बनेगा। वहीं स्थानीय निवासियों का आरोप है कि मुखिया उमाशंकर गुप्ता इस मामले में झूठ बोल रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कुछ महीने पहले हुए पंचायत चुनाव के दौरान इमारत को मतदान केंद्र बनाया गया था।

इस बीच, मुजफ्फरपुर अदालत में इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री राम सुरती और उनके एक कैबिनेट सहयोगी को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पश्चिम) की अदालत में लोक चेतना दल के संस्थापक और प्रमुख आनंद कुमार झा ने मामला दर्ज कराया है।

झा के वकील मनोज सिंह ने बताया कि हमारी याचिका पर 21 मई को सुनवाई होगी। मुख्यमंत्री और राय के अलावा पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, मुखिया और मुजफ्फरपुर के डीएम प्रणव कुमार सहित तीन सरकारी अधिकारियों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। आनंद कुमार झा ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ 120 (बी) (आपराधिक साजिश), 406 (विश्वास भंग) और 420 (धोखाधड़ी) सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की गई है।

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