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बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में आग लगने की घटना से हड़कंप मचा हुआ है। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। वन विभाग की लापरवाही से स्थिति विकराल हो सकती है। रघिया क्षेत्र में लगी इस आग में ग्रामीणों का हाथ बताया जा रहा है। वन में घास में भी आग लग गई है।
टाइगर रिजर्व में लगी आग
आग लगने से अनेक बेशकीमती जड़ी बूटियां और पेड़ पौधे जलकर राख हो गए हैं। अनेक प्रजातियों के छोटे-छोटे पौधे भी जल रहे हैं। देखते ही देखते आग ने जंगल के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया और क्षेत्र धुएं से भर गया। समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो बड़ा नुकसान होने का अनुमान है। जंगल में लगी आग को लेकर वन विभाग भी असहाय बना हुआ है। वन विभाग के कर्मियों को आग की जानकारी मिली तब तक आग ने लगभग दो किलोमीटर के करीब जंगल को चपेट में ले लिया था। वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के अन्य वन क्षेत्र में भी आग लगने की घटना हो चुकी है। इससे यही लगता है कि आग की चिंगारी सुलगाने में नजदीक के गांव के लोगों का हाथ रहता है। जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है।
आग से भारी नुकसान
जंगलों में उगने वाली जड़ी-बूटियों और जंगल में रह रहे वन्य प्राणियों के लिए भी ये आग घातक सिद्ध हो रही है। जंगलों में धरती के भीतर रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के कई कीट-पतंग जलकर नष्ट हो चुके हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने आग पर काबू पाने की तमाम घोषणा करते हैं। फिर भी ऐसा नहीं हो पाता है। रघिया वन कक्षा में लगभग 2 किलो मीटर जंगल आग से प्रभावित दिख रहा है। लेकिन सिर्फ दो वनकर्मियों वह भी हरी झाड़ियों के सहारे आग पर काबू पा रहे हैं।
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