Home Bihar वायरस से बचाव जरूरी है, बिहार के लोगों को रहना होगा सावधान

वायरस से बचाव जरूरी है, बिहार के लोगों को रहना होगा सावधान

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वायरस से बचाव जरूरी है, बिहार के लोगों को रहना होगा सावधान

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पटना: जहां देश भर में H3N2 इन्फ्लूएंजा के साथ-साथ H1N1 के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं कई लोग अभी भी राज्य की राजधानी में फ्लू के मामलों में वृद्धि के बावजूद उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को खांसी, बुखार या नाक बहने जैसे लक्षण होने पर खुद को अलग करने की सलाह दी और दूसरों को सार्वजनिक सभा से बचने के लिए कहा। चिकित्सकों के मुताबिक अन्य शहरों में, मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यहां तक कि बच्चे भी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। हमें वायरस को फैलने और बड़ी आबादी को संक्रमित होने से बचाने के लिए उचित सावधानी बरतनी होगी।

बाहर जाने से बचें

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गुर्दे और हृदय संबंधी समस्याओं जैसे कॉमरेडिटी वाले लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर जाने से बचना होगा। मॉल और सिनेमा हॉल जैसी जगहों से कुछ समय के लिए बचना चाहिए। एम्स-पटना के निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण पाल ने कहा कि उन्होंने 30 बेड आरक्षित किए हैं, लेकिन अभी तक एच3एन2 का कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हालांकि वायरस इतना खतरनाक नहीं था, लेकिन कैंसर, मधुमेह और रक्तचाप के रोगी या किसी अन्य स्वास्थ्य बीमारी से पीड़ित लोगों में गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

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भीड़ से बचने की सलाह

उन्होंने भी लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन हाथों की स्वच्छता, सामूहिक भीड़ से बचना, दूरी बनाए रखना और मास्क लगाना सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उधर, जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को लोगों से कहा कि एच3एन2 से घबराएं नहीं बल्कि सतर्क रहें। जिला प्रशासन सतर्क है और उसने सिविल सर्जन को सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य परामर्श का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों को अपनी रैपिड रिस्पांस टीमों को सक्रिय रखने को कहा गया है।

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सावधानी और सतर्कता जरूरी

डीएम ने कहा कि अस्थमा, सांस की समस्या, गर्भवती महिलाओं और बच्चों से पीड़ित लोगों को वायरल संक्रमण के प्रति अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य केंद्रों को पहले ही अपने आउट पेशेंट विभागों में पहुंचने वाले मरीजों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। पहले से ही वहां भर्ती कराया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसी में इन्फ्लूएंजा जैसे बीमारी या गंभीर श्वसन संक्रमण के लक्षण नहीं थे। ऐसे लक्षण पाए जाने पर अस्पतालों को रेंडम सैंपल लेकर जांच के लिए राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट भेजने को कहा। हालांकि, डीएम ने लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक लेने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इस वायरल बीमारी से सावधानियों के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत है।

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