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पूर्णिया. बिहार के पूर्णिया (Purnia) में कोर्ट ने वकील के साथ मारपीट के बहुचर्चित मामले में आठ दारोगा पर संज्ञान लिया है. फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट विजय कुमार ने इन सभी दरोगा के ऊपर कई धाराओं में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का आदेश दिया है. पीड़ित वकील शाहिदुल हक ने बताया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ किशनगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी जिसमें 17 जुलाई, 2021 को किशनगंज की महिला थाना प्रभारी बिना सर्च वारंट के उनके माधोपाड़ा स्थित घर में घुस आई थी और यहां उनके और उनके परिजनों के साथ बदतमीजी की थी. सर्च वारंट की मांग किए जाने पर वो लोग वापस लौट गए और सहायक खजांची थाने में जाकर झूठी प्राथमिकी दर्ज करवा दी.
इसके बाद रात में सहायक थाना प्रभारी, किशनगंज थाना प्रभारी, मरंगा थाना प्रभारी समेत 40 से 50 पुलिसकर्मी उनके घर में घुस गए थे. इन सभी पुलिसकर्मियों ने उन लोगों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया. उनकी बेटी बेटा, पत्नी सबके साथ मारपीट की गयी. इसके बाद उन्हें और उनकी पत्नी व बेटा-बेटी को घसीटते हुए थाना ले जाया गया. बाद में कोर्ट के द्वारा उन्हें बरी कर दिया गया. इसके बाद बार काउन्सिल की टीम भी पूर्णिया पहुंची और आईजी व एसपी से मुलाकात कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की. लेकिन पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट मैं प्राथमिकी दर्ज करवाई.
वहीं, वकील शाहिदुल हक के वकील गौतम वर्मा ने कहा कि सीजेएम ने इस मामले को फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट के कोर्ट में भेज दिया है. शनिवार को इस मामले में फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट विजय कुमार ने आठ दारोगा पर संज्ञान लिया है जिसमें मुख्य रुप से तत्कालीन सहायक खजांची थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह, किशनगंज महिला थाना प्रभारी पुष्पलता कुमारी, मरंगा थाना प्रभारी मिथिलेश कुमार, दारोगा सुबोध चौधरी, आनंद कुमार, प्रेम शंकर सिंह, अब्दुल मन्नान और गुलाम सरवर के खिलाफ संज्ञान लिया है. कोर्ट ने इस मामले में धारा 149, 323, 325, 354 B, 426, 504 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.
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पहले प्रकाशित : मई 07, 2022, 21:51 IST
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