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‘थ्री चीयर्स’ के साथ RJD कर रही चूड़ा-दही का भोज
पार्टी के पास इस त्योहार को भव्य तरीके से मनाने के तीन प्रमुख कारण हैं। सबसे पहली वजह की आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव जमानत पर बाहर हैं। दूसरा, लालू यादव का सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा। बताया ये भी जा रहा कि वो तेजी से ठीक हो रहे। वहीं इस पर्व को भव्य तरीके से मनाने की एक वजह ये भी है कि पांच साल बाद राज्य में आरजेडी फिर से सत्ता में वापस आई है। बस तो ‘थ्री चीयर्स’ के साथ आरजेडी नेतृत्व ने सद्भावना दिखाते हुए इस मकर संक्रांति सभी दलों को ‘चूड़ा-दही’ पर आमंत्रित करने का फैसला लिया है।
बीजेपी समेत सभी पार्टियों को भेजा जाएगा आमंत्रण
इसमें महागठबंधन के सभी सात दल तो रहेंगे ही…बीजेपी समेत दूसरी पार्टियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने टीओआई को बताया कि हम बीजेपी सहित सभी पार्टियों को निमंत्रण भेज रहे हैं। सभी विधायकों, एमएलसी, लोकसभा सदस्यों, राज्यसभा सदस्यों और सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों सहित पार्टी पदाधिकारियों को इनविटेशन भेजे जा रहे हैं। इस भोज में चूड़ा दही और तिलकुट के साथ कई दूसरे पकवान भी होंगे।
राबड़ी आवास पर होगा चूड़ा-दही भोज का आयोजन
भोज का आयोजन पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड पर किया जाएगा। फिलहाल उनके दोनों बेटे नीतीश कुमार सरकार में मंत्री हैं। छोटे बेटे तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम हैं, वहीं बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर्यावरण और वन मंत्री हैं। जद (यू) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी 14 जनवरी को अपने आवास पर चूड़ा-दही दावत का आयोजन करने की घोषणा की है। कुशवाहा के एक करीबी सूत्र ने कहा कि उन्होंने भी अपने बीजेपी मित्रों को आमंत्रित किया है। साथ ही महागठबंधन में शामिल नेताओं को भी निमंत्रित किया गया है।
उपेंद्र कुशवाहा भी 14 को कर रहे चूड़ा-दही का भोज
हालांकि, एक ही तारीख पर महागठबंधन की दो पार्टियों के नेताओं की ओर से किए जा रहे आयोजन ने सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या जेडीयू-आरजेडी में सबकुछ ठीक है? हालांकि, जेडीयू ने इन चर्चाओं को सिरे से खारिज किया है। जेडीयू प्रवक्ता रणबीर नंदन ने कहा कि 14 जनवरी शुभ तिथि है और इसलिए हम भी इस तारीख पर इस भोज की व्यवस्था कर रहे हैं। यह सिर्फ एक मिलन समारोह है। इसमें कुछ भी नहीं अलग नहीं माना जाना चाहि। हम दोनों दावतों में शामिल होंगे।
क्या इस भोज से आएगा कोई नया ट्विस्ट?
आम तौर पर, पार्टियां अलग-अलग तारीखों पर इस तरह की दावतों का आयोजन करती रही हैं ताकि सभी को उत्सव में शामिल होने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। जैसा कि पिछले अप्रैल में मनाए गए रमजान के दौरान देखा गया था। जहां आरजेडी ने 22 अप्रैल को इफ्तार पार्टी की मेजबानी की थी, वहीं जेडीयू ने 28 अप्रैल को भी ऐसा ही किया था। आरजेडी की इफ्तार पार्टी की खास बात यह थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पांच साल बाद इसमें शामिल हुए थे। इसे दोनों पार्टियों बीच करीबी की शुरुआत के तौर पर पेश किया गया था। जिसका असर भी नजर आया और तीन महीने बाद जेडीयू ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन संग सरकार बना ली थी।
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