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आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि बिहार के साथ लगातार हकमारी हो रही है पर एक बार भी सुशील मोदी की जुबान नहीं खुली। चितरंजन गगन ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के लिए 4761 करोड़ रुपए वर्ष 2022-23 के लिए केन्द्रीय अनुदान के रूप में जारी किया गया। इसमें बिहार के लिए मात्र 7.35 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। जबकि BJP शासित उत्तर प्रदेश को बिहार से 27 गुणा 1988 रुपए दिए गए। इसी प्रकार प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग और संग्रहण के लिए बिहार को मात्र एक यूनिट आवंटित किया गया है। जबकि BJP शासित महाराष्ट्र में 41, गुजरात को 31, उत्तर प्रदेश में 26 ,असम में 21, और हरियाणा जैसे छोटे राज्य को 14 यूनिट दिया गया।
यूरिया की आपूर्ति भी केंद्र सरकार ने की कम
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि अभी रबी के बुआई का समय है और केंद्र सरकार की ओर से बिहार को जरूरत से काफी कम मात्रा में खाद की आपूर्ति की गई है। उन्होंने कहा कि जरूरत 56000 MPO टन की है, जबकि आपूर्ति मात्र 17473 टन यानी आवश्यकता का 14 प्रतिशत कि ही की गई है । इसी प्रकार बिहार को यूरिया की आवश्यकता है 2,55,000 टन और आपूर्ति की गई मात्र 89,885 टन , यानी आवश्यकता का 37 प्रतिशत।
बीजेपी ने बिगाड़ा बिहार का स्वास्थ्य महकमा
RJD प्रवक्ता ने कहा कि बिहार के साथ हो रहे इस प्रकार का नाइंसाफी सुशील मोदी जी को दिखाई नहीं पड़ रहा है और चले हैं दूसरे पर कीचड़ उछालने। चितरंजन गगन ने कहा कि सुशील मोदी ये भूल रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग का मंत्री लम्बे दिनों तक BJP के नेता ही रहे हैं और जिस ढंग से विभाग को कचड़ा बना दिया गया था, आज स्थिति में सुधारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है तो उन्हें परेशानी हो रही है। आरजेडी का कहना है कि महागठबंधन सरकार में जिस ढंग से शासन और प्रशासन से लेकर व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हो रहा है, वह बीजेपी नेताओं को हजम नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी जी आप राज्यसभा में बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आपमें अगर थोड़ी भी नैतिकता है तो बिहार के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाइए, अन्यथा इस्तीफा दे पटना में बैठकर बयानबाजी करते रहिए।
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