Home Bihar लखीसराय में कौड़ियों के भाव बिक रहा टमाटर, कीमत जानकर आप भी रह जाएंगे दंग, जानें वजह

लखीसराय में कौड़ियों के भाव बिक रहा टमाटर, कीमत जानकर आप भी रह जाएंगे दंग, जानें वजह

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लखीसराय में कौड़ियों के भाव बिक रहा टमाटर, कीमत जानकर आप भी रह जाएंगे दंग, जानें वजह

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रिपोर्ट- अभिनाश कुमार

लखीसराय: लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड में किसान बड़े पैमन पर टमाटर की खेती करते हैं और यहां इसकी बम्फर पैदावार भी होती है. इसको लेकर कई गावों के किसानों का टमाटर मुख्य फसल बन गया है. यहां पर उगाए गए टमाटर दरभंगा, समस्तीपुर, अररिया, किशनगंज के साथ-साथ कोलकाता तक भेजा जाता है. हालांकि इस साल किसानों को टमाटर की फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. जिससे किसान टमाटर को कौड़ियों के भाव में बेचने को मजबूर हैं. किसान टमाटर की फसल से अपनी मजदूरी और लागत भी नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसे में किसानों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है.

2 रुपए किलो से भी कम में बिक रहा टमाटर
यहां किसान टमाटर को कैरेट में भर कर मंडियों में भेजते हैं. एक कैरेट में लगभग 28 से 30 किलो टमाटर आता है, लेकिन एक कैरेट का दाम सुनकर आप चौंक जायेंगे. यहां महज 30 से 35 रुपए में आपको एक कैरेट टमाटर मिल जायेगा. ऐसे में किसानों को जो मिलता है उस से लागत तो दूर मजदूरी भी नहीं निकल पा रहा है. किसान बताते हैं कि उनको मजदूर से टमाटर को खेत तुड़वाने और भरवाने में प्रति कैरेट लगभग 20 रुपए मजदूरी आता है. किसान इसको अब खुद मंडी पहुंचा रहें हैं. ऐसे में किसानों को 8 से 10 रुपए प्रति कैरेट किराया लग जा रहा है. ऐसे में किसानों के पास क्या बच जाता है ये समझ से परे भी नहीं है.

एक बीघा टमाटर की खेती करने पर 50 हजार आता है खर्च
किसान ने बताया कि यहां लगभग 15 वर्षों से बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती हो रही है, लेकिन इस साल टमाटर गले का फांस बन गया है. उन्होंने बताया कि एक बीघा खेत में लगभग 8 हजार का बीज और खाद, 8 हजार के कीटनाशक के साथ-साथ पानी और पट्टा (खेत का किराया ) जोड़ दिया जाय तो लगभग 50 हजार रुपए की लागत आती है. इस साल शुरू से ही टमाटर को अच्छी बाजार नहीं मिल पाई है. जिसके कारण अब किसानों पर मुसीबत का पहाड़ टूट चुका है.

टोमेटो प्यूरी प्लांट स्थापित करने की किसानों ने उठाई मांग
किसान कहते हैं कि जिले में अगर एक टोमेटो प्यूरी प्लांट स्थापित हो जाता तो टमाटर की बिक्री में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. जिला प्रशासन को किसानों की तकलीफ समझना चाहिए और प्लांट स्थापित करने की दिशा में पहल करनी चाहिए. इससे किसानों का भला हो जाएगा और बिक्री करने की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. स्थापित होने से फायदा होगा कि जिले में टमाटर की खपत हो जाएगी और किसानों को कुछ मुनाफा भी हो जाएगा.

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