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पटना. भोजपुरी भाषा में घुली मिठास और अलहदा ठेठपन की अपनी अलग पहचान है. भोजपुरी में लिखी भिखारी ठाकुर की बिरहा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी. यही कारण था कि उन्हें भोजपुरी का शेक्सपीयर भी कहा जाता था. हालांकि पिछले कुछ समय से भोजपुरी गीतों में आई फूहड़ता के बीच आज भी कई ऐसे गीतकार हैं, जो भोजपुरी गीतों की उसी पुरानी पहचान को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं कौशल किशोर. कोरोना महामारी के दौरान लोगों के दम तोड़ते हौसले को फिर से उम्मीद की मजबूती वाले गीत ‘मुस्कुराएगा इंडिया तो जीत जाएगा इंडिया’ लिख चुके कौशल किशोर ने अपने कार्यों, लक्ष्य व इरादों के बारे में बात की. इन दिनों वे एक बार फिर से सम्पूर्ण रामायण को 9 मिनट 22 सेकंड में ‘राम आएंगे अयोध्या’ के माध्यम से समेटने का प्रयास कर चर्च में हैं.
कौशल किशोर मूलतः बिहार के मोतिहारी जिले के ढाका के रहने वाले हैं, लेकिन 16-17 साल की उम्र में ही वो मुंबई चले गए थे. कौशल ने अपने करियर की शुरुआत मात्र 17 वर्ष की कर ली थी, लेकिन फिर वे अपनी पढ़ाई में लग गए. कौशल कहते हैं कि उन्हें लिखने का शौक बचपन से ही था. बचपन से ही उनकी लेखनी को देख लोग आश्चर्य करते और तारीफों के पुल बांध दिया करते थे. उनके पिता भी लिखते थे. कौशल कहते हैं कि उनकी लेखनी में कहीं ना कहीं उनके पिता का भी योगदान रहा है.
हर देवी देवता, धरतीपुत्रों और शूरवीरों पर गीत लिखने की तमन्ना
सम्पूर्ण रामायण को 9 मिनट 22 सेकंड में ‘राम आएंगे अयोध्या’ के माध्यम से समेटने के बाद अब उनकी तमन्नाहर देवी देवता, धरतीपुत्रों और शूरवीरों पर गीत लिखने की है. इस दिशा में वे प्रयास भी कर रहे हैं. रामायण के बाद कौशल फिलहाल कई बॉलीवुड फिल्मों के गीत लिख रहे हैं. विद्युत जामवाल अभिनीत फिल्म खुदा हाफिज के बाद हाल ही में आने वाली नसरुद्दीन शाह और तुषार कपूर अभिनीत फिल्म मारिच के लिए इन्होंने गीत लिखे हैं. कौशल की मानें तो अगले साल के अंत तक करीब 20 सिंगल एल्बम रिलीज करने की इनकी योजना है.
साउथ फिल्म से मिला था ब्रेक
कौशल किशोर बताते हैं कि उन्होंने साउथ की एक फिल्म कंधार से अपनी लेखनी की शुरुआत की थी. इसके बाद से उन्हें कई ऑफर आने शुरू हो गए. कई सारे सिंगल्स और एल्बम के अलावा वे खुदा हाफिज और नोटबुक जैसी फिल्मों के लिए भी हिट गीत लिख चुके हैं. वे चाहते हैं कि अपनी कलम से गीतों को लिखकर फिर से भोजपुरी भाषा को पहले जैसा सम्मान और मुकाम दिलाएं. इस कारण से भोजपुरी में वे ऐसे गीतों को लिखते हैं, जिसे लोग पूरे परिवार के साथ सुन और गुनगुना सकें.
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प्रथम प्रकाशित : 05 दिसंबर, 2022, 09:25 पूर्वाह्न IST
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