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Bihar Politics: महागठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल आरजेडी नेता लगातार हिंदुओं को अपमानित करने वाला बयान दे रहें है। लालू यादव का गो मांस, जगदानंद सिंह का राम मंदिर, चंद्रशेखर प्रसाद का रामचरितमानस और अब शिवानंद तिवारी ने भी राममनोहर लोहिया की आड़ में रामायण पर टिप्पणी की है।
रामायण में भी बहुत सारे कूड़ा करकट है: शिवानंद तिवारी
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि बाल्मीकि और दूसरे रामायण में प्रेम को इतनी बड़ी जगह नहीं मिली जितनी की तुलसी की रामायण में मिली है। उन्होंने कहा कि अपने प्रसिद्ध लेख राम-कृष्ण और शिव के समापन में डॉ लोहिया लिखते हैं हे ‘हे-भारत माता हमें शिव का मतलब तू कृष्ण का हृदय दो और राम का कर्म और वचन दो। शिवानंद तिवारी ने यह भी बताया कि
लोहिया कहते हैं रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट भी है और हीरा मोती भी। कूड़ा करकट बुहारने के चक्कर में हीरा मोती भी नहीं बुहार देना चाहिए और हीरा मोती खाने के चक्कर में कूड़ा करकट नहीं खा लेना चाहिए।
लालू प्रसाद ने गौ मांस पर क्या कहा था
अक्टूबर 2015 में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उत्तर प्रदेश में गौ मांस खाने की वजह से एक व्यक्ति की हत्या किए जाने के बाद यह कहा था कि क्या हिंदू गौ मांस नहीं खाते ? लालू प्रसाद ने यह भी कहा था कि मांस खाने वाले को इससे क्या फर्क पड़ता है कि वह गाय का मांस खा रहा है या बकरे का? हिंदू भी बीफ खाते हैं। इस मामले को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए लालू प्रसाद यादव गौ मांस वाले बयान से पलट गए थे। लालू प्रसाद ने यह कहा कि मांस किसी को नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे कई तरह की बीमारियां होती हैं।
राम मंदिर को लेकर जगदानंद सिंह ने दिया था यह बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण कार्य पूरा होने की तिथि की घोषणा के ठीक दूसरे ही दिन आरजेडी नेता जगदानंद सिंह ने राम मंदिर को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष और लालू प्रसाद यादव के करीबी नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि भारत के राम को कभी भी लोगों से छीनकर कैद नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा था कि हम लोग हे राम वाले हैं, जय श्रीराम वाले नहीं हैं। जगदानंद सिंह ने कहा था कि कण-कण में रहने वाले राम अब उस पत्थरों की चहारदीवारी में चले गए हैं। जहां नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। अब भारत में उन्मादियों के राम बचेंगे। अब गरीबों के, झोपड़ीवालों के, तुलसी के राम, अयोध्या के राम, शबरी के जूठे बेर खाने वाले राम अब भारत में नहीं, बल्कि पत्थरों की भीतर रहेंगे।
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