Home Bihar राबड़ी आवास पर CBI रेड…इन 5 घटनाओं से नीतीश को लेकर क्या मैसेज ले बिहार

राबड़ी आवास पर CBI रेड…इन 5 घटनाओं से नीतीश को लेकर क्या मैसेज ले बिहार

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राबड़ी आवास पर CBI रेड…इन 5 घटनाओं से नीतीश को लेकर क्या मैसेज ले बिहार

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पटना: सीबीआई ने सोमवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पर नौकरी के लिए जमीन घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की। सीबीआई के एक सूत्र ने बताया कि जांच के संदर्भ में यह छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। छापेमारी की यह कार्रवाई होने से राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दरअसल, सीबीआई रेड से पहले पिछले एक सप्ताह में बिहार में कई ऐसी राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। आइए बिहार के उन 5 राजनीतिक घटनाओं पर नजर डालते हैं जिसको लेकर चर्चाओं को बाजार गरम है।

1. जमीन के बदले नौकरी मामले में रेड: जमीन लेकर नौकरी दिलाने के मामले में CBI की टीम सोमवार सुबह CBI की टीम राबड़ी आवास पर छापेमारी करने पहुंची। CBI मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मिल गई है। इसी साल जनवरी में एजेंसी ने संबंधित अदालत के समक्ष अभियोजन स्वीकृति पत्र प्रस्तुत किया था। सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा यादव सहित मामले में 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सीबीआई ने कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिशकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था। यह जमीन प्रचलित सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी। सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है, उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए हैं। आरोप है कि 2004-2009 की अवधि के दौरान यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पद पर नियुक्तियों के एवज में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। यह छापेमारी इसलिए अहम मानी जारी है क्योंकि साल 2017 में आय से अधिक संपत्ति मामले में तत्कालीन डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव का नाम सामने आने पर सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया में आकर कहा था कि तेजस्वी यादव को तमाम आरोपों पर सफाई देनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया था।

2. नीतीश कुमार की अमित शाह से फोन पर हुई बातचीत: हाल ही में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर उनकी बात हुई। सीएम ने कहा कि अमित शाह ने उन्हें कॉल किया था, जिसमें उन्होंने इस बात की जानकारी थी कि बिहार के राज्यपाल बदले जा रहे हैं। नए राज्यपाल के तौर पर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को नियुक्त किया गया है।

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3. राजनाथ सिंह ने नीतीश को किया कॉल: पिछले दिनों वैशाली में गलवान के शहीद के पिता की गिरफ्तारी को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नीतीश कुमार को कॉल किया था। यहां गौर करने वाली बात यह है कि इस मुद्दे को लेकर बीजेपी विधायकों के हंगामे के बाद डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा था कि इस मामले में कानून अपना काम कर रही है। लेकिन राजनाथ सिंह और नीतीश कुमार की फोन पर बातचीत के कुछ ही घंटे बाद शहीद के पिता जेल से जमानन पर बाहर आ गए। साथ ही सीएम नीतीश ने मामले में जांच के आदेश दे दिए।

4. तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर अत्याचार में नीतीश-तेजस्वी के सुर अलग: तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट मामले में बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव लगातार विधानसभा में कहते रहे कि यह गलत आरोप हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ कोई मारपीट नहीं हुई है। लेकिन बीजेपी विधायकों की डिमांड पर सीएम नीतीश कुमार ने जांच पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाकर तमिनाडु भेज दिया है।
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5. नीतीश के जन्मदिन पर बधाई: सीएम नीतीश के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। इसके अलावा बीजेपी के शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों ने भी सीएम नीतीश को जन्मदिन की बधाई दी। सीएम नीतीश ने भी पीएम समेम सभी नेताओं को शुक्रिया कहा। गौर करने वाली बात यह है कि जन्मदिन की बधाई देने में तेजस्वी यादव का ट्वीट देर से आया।

पिछले एक सप्ताह में बिहार में पांच ऐसी राजनीतिक घटनाएं हुई हैं, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यहां याद दिला दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राज्यसभा सांसद अभी भी राज्यसभा के डेप्युटी स्पीकर हैं। साथ ही दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर कानूनी शिकंजा कसने के मामले में भी जेडीयू ने कोई विरोध नहीं किया है। सिसोदिया पर हुई कार्रवाई के विरोध में लिखी गई चिट्ठी से भी जेडीयू ने खुद को अलग रखा है। हालांकि इस मसले पर जेडीयू महासचिव केसी त्यागी से कहा कि अब 2017 वाला माहौल नहीं है। इसलिए नीतीश कुमार के पाला बदलने को लेकर किसी भी प्रकार के कयास लगाया जाना बेमानी है।

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