Home Bihar रात तक कच्ची सड़क थी, सुबह खेत: बांका में गांव तक आने वाला रास्ता जोत लेने का अजूबा केस

रात तक कच्ची सड़क थी, सुबह खेत: बांका में गांव तक आने वाला रास्ता जोत लेने का अजूबा केस

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रात तक कच्ची सड़क थी, सुबह खेत: बांका में गांव तक आने वाला रास्ता जोत लेने का अजूबा केस

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ग्रामीणों के अनुसार इस जगह पर कच्ची सड़क थी।

ग्रामीणों के अनुसार इस जगह पर कच्ची सड़क थी।
– फोटो : अमर उजाला

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पक्की सड़क नहीं थी, मगर बुलंद उम्मीद जरूर थी कि कभी तो इसपर सरकार अलकतरे की पिच या सीमेंट वाली पीसीसी सड़क बनवा देगी। लंबाई-चौड़ाई पक्की नहीं थी, लेकिन गांव तक पहुंचने के लिए यह कच्ची सड़क अरसे से बड़ा सहारा थी। गाड़ियां भी आती-जाती थीं। यह सब कल रात तक था। सुबह गांव वाले उठे तो उनकी यह सड़क गायब हो गई। खेत की तरह उसे जोता हुआ था। मंगलवार को इस शिकायत और फोटो-वीडियो के साथ खादमपुर गांव के लोग रजौन प्रखंड मुख्यालय गए थे। बुधवार को रजौन अंचलाधिकारी मोहम्मद मोइनुद्दीन ने शिकायत पर जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है। हालांकि, ‘अमर उजाला’ इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वहां सरकारी जमीन पर सड़क थी।

दूसरे गांव के दबंगों पर जोतकर गेहूं बोने का आरोप
बांका जिले के रजौन प्रखंड के खादमपुर गांव जाने वाली कच्ची सड़क का नामोनिशान मिट जाने के बाद सुबह से ग्रामीण हैरान-परेशान हैं। लोगों ने रजौन प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर बताया कि गांव के ही कुछ दबंग किस्म के लोगों ने उक्त कच्ची सड़क को भी जोत कर अपने खेत में शामिल करते हुए बुआई कर दी है। खादमपुर गांव के आशुतोष सिंह, रितु कुमारी, प्रमोद सिंह, अनीता देवी समेत करीब 35 लोगों ने अंचलाधिकारी को आवेदन दिया है। लोगों ने कहा कि खरौनी गांव से खादमपुर गांव को जाने वाली मुख्य सड़क पर गेहूं की बुआई की गई है। वर्षों पुरानी इस कच्ची सड़क पर खैरानी गांव के लोगों ने ट्रैक्टर से जोत दिया और उसपर गेहूं की बुआई कर दी है। लोगों का आरोप है कि जोतने की जानकारी होने पर वह विरोध करने गए तो दूसरा पक्ष मारपीट पर उतारू हो गया।

आने-जाने में हो रही काफी दिक्कत
खादमपुर गांव के आशुतोष सिंह ने बताया कि गांव तक आने-जाने के लिए यही एक रास्ता है। अब अतिक्रमण के बाद लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव तक गाड़ी नहीं पहुंच पा रही है। पगडंडी के सहारे लोग पैदल आ-जा रहे हैं। अंचलाधिकारी ने इस शिकायत पर कहा कि सरकारी नक्शे वह सड़क के रूप में दर्ज हुआ तो आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के लिए नए-पुराने नक्शे निकाले जा रहे हैं।

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पक्की सड़क नहीं थी, मगर बुलंद उम्मीद जरूर थी कि कभी तो इसपर सरकार अलकतरे की पिच या सीमेंट वाली पीसीसी सड़क बनवा देगी। लंबाई-चौड़ाई पक्की नहीं थी, लेकिन गांव तक पहुंचने के लिए यह कच्ची सड़क अरसे से बड़ा सहारा थी। गाड़ियां भी आती-जाती थीं। यह सब कल रात तक था। सुबह गांव वाले उठे तो उनकी यह सड़क गायब हो गई। खेत की तरह उसे जोता हुआ था। मंगलवार को इस शिकायत और फोटो-वीडियो के साथ खादमपुर गांव के लोग रजौन प्रखंड मुख्यालय गए थे। बुधवार को रजौन अंचलाधिकारी मोहम्मद मोइनुद्दीन ने शिकायत पर जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है। हालांकि, ‘अमर उजाला’ इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वहां सरकारी जमीन पर सड़क थी।

दूसरे गांव के दबंगों पर जोतकर गेहूं बोने का आरोप

बांका जिले के रजौन प्रखंड के खादमपुर गांव जाने वाली कच्ची सड़क का नामोनिशान मिट जाने के बाद सुबह से ग्रामीण हैरान-परेशान हैं। लोगों ने रजौन प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर बताया कि गांव के ही कुछ दबंग किस्म के लोगों ने उक्त कच्ची सड़क को भी जोत कर अपने खेत में शामिल करते हुए बुआई कर दी है। खादमपुर गांव के आशुतोष सिंह, रितु कुमारी, प्रमोद सिंह, अनीता देवी समेत करीब 35 लोगों ने अंचलाधिकारी को आवेदन दिया है। लोगों ने कहा कि खरौनी गांव से खादमपुर गांव को जाने वाली मुख्य सड़क पर गेहूं की बुआई की गई है। वर्षों पुरानी इस कच्ची सड़क पर खैरानी गांव के लोगों ने ट्रैक्टर से जोत दिया और उसपर गेहूं की बुआई कर दी है। लोगों का आरोप है कि जोतने की जानकारी होने पर वह विरोध करने गए तो दूसरा पक्ष मारपीट पर उतारू हो गया।

आने-जाने में हो रही काफी दिक्कत

खादमपुर गांव के आशुतोष सिंह ने बताया कि गांव तक आने-जाने के लिए यही एक रास्ता है। अब अतिक्रमण के बाद लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव तक गाड़ी नहीं पहुंच पा रही है। पगडंडी के सहारे लोग पैदल आ-जा रहे हैं। अंचलाधिकारी ने इस शिकायत पर कहा कि सरकारी नक्शे वह सड़क के रूप में दर्ज हुआ तो आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के लिए नए-पुराने नक्शे निकाले जा रहे हैं।



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