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सुधाकर सिंह को जारी शो कॉज नोटिस की इन पंक्तियों को राजद के नेता पढ़ें तो समझ जाएंगे कि चुप बैठना है
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सिंगापुर में स्वास्थ्य-लाभ ले रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव तक यह बात पहुंच गई है कि बिहार में महागठबंधन पर उनके नेताओं के बयानों के कारण खतरा मंडरा रहा है। राजद-जदयू में द्वंद्व हो रहा है। इसलिए, अब पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को राष्ट्रीय प्रधान महासचिव की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर कारण बताओ नोटिस (शो कॉज) जारी किया गया है। इस चिट्ठी का मजमून साफ है- “महागठबंधन को प्रभावित करने वाला कोई बयान राजद का कोई भी नेता नहीं दे।” सुधाकर को 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है।
राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के दायरे में प्रदेश अध्यक्ष भी
राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय प्रधान महासचिव ने उनके ‘निर्देशानुसार’ यह चिट्ठी जारी की है, इसका मतलब साफ है कि इसके दायरे में राजद के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कोई भी नेता आएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश का मतलब इसमें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी दायरे में आएंगे। ऐसे निर्देश के दायरे में नियमानुसार राजद कोटे से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत सभी मंत्री भी आएंगे, हालांकि इस पत्र के जरिए यह भी याद दिला दिया गया है कि राजद की ओर से किसी भी तरह का बयान देने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद सिर्फ तेजस्वी यादव को ही अधिकृत कर गए हैं।
सुधाकर से ज्यादा अभी बाकी नेताओं के कारण टकराव
एक सप्ताह पहले बिहार में रामचरित मानस को लेकर विवाद शुरू हुआ। उसके पहले पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के बयानों की चर्चा रहती थी थी। रामचरित मानस विवाद के दौरान भी सुधाकर सिंह ने इंटरव्यू देकर अपनी बातें रखीं, जो महागठबंधन को असहज करने वाली हैं। लेकिन, पिछले सात दिनों से लगातार सिर्फ रामचरितमानस पर राजद नेताओं का बयान आ रहा है। राजद नेताओं के बयान पर शुरू में जदयू प्रतिकार नहीं कर रहा था, लेकिन जब राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विवाद को विराम देने के लिए बयान दे दिया। इसके बावजूद राजद के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्टैंड के खिलाफ धर्म और धार्मिक ग्रंथों पर निशाना साध रहे थे। जदयू नेताओं ने सर्वधर्म समभाव कहकर राजद नेताओं को जवाब देना शुरू कर दिया। इसके बाद शिक्षा को लेकर भी सोशल मीडिया पर राजद-जदयू में टकराव हुआ। इसी के मद्देनजर सारी बातों पर ‘एक तीर से कई निशाना’ वाली सोच के साथ सुधाकर सिंह से शोकॉज पूछा गया।
गठबंधन धर्म की मर्यादा तोड़ने वालों को चेतावनी
चिट्ठी में ‘गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन’ किए जाने का जिक्र है। चिट्ठी पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के नाम जारी हुई है, लेकिन पिछले करीब एक सप्ताह से इस तरह का उल्लंघन राजद के प्रदेश अध्यक्ष और सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह भी कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रेशखर, वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी आदि के साथ राजद कोटे के एक-दो मंत्रियों ने भी मुख्यमंत्री के इशारों और सीधे बयानों के बाद भी उश्रनके स्टैंड के खिलाफ बातें की हैं। जदयू इसे लगातार गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन कह रहा है। प्रो. चंद्रशेखर ने जिस दिन रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था, उसी दिन से जदयू इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि के खिलाफ जाने वाला और गठबंधन की मर्यादा तोड़ने वाला करार दिया था। इसके अलावा, सोमवार को जन अधिकार पार्टी (JAP) प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने राजद के कई नेताओं का नाम लेकर कहा कि यह नीतीश कुमार के महागठबंधन को बनाए रखने के प्रयासों के खिलाफ भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं।
सभी नेताओं को उनकी हद दिलाई इन दो पंक्तियों ने
सुधाकर सिंह को जारी शो कॉज में लिखा है कि “आपके बयान लगातार उन ताकतों को बल देते हैं, जो संविधान को रौंदकर न्याय, सौहार्द और समानता की पैरोकारी समाप्त करना चाहते हैं। आपके आपत्तिजनक बयान देश-प्रदेश और राजद के एक बड़े वर्ग को आहत कर रहे हैं”। इन दो पंक्तियों के आइने में राजद नेताओं के विवादित बयानों को देखें तो सुधाकर सिंह सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर दिखते हैं, जबकि बाकी नेताओं के रामचरितमानस और नीतीश-तेजस्वी टकराव को लेकर दिए गए बयान इसपर ज्यादा फिट बैठते हैं। मतलब साफ है कि राजद की ओर से सुधाकर सिंह को जारी एक चिट्ठी से राजद ने सभी नेताओं को उनकी हद याद दिला दी है।
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