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थर्ड ईयर की छात्रा है दिव्या
दिव्या यूक्रेन के बुकबोडिया विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। वह तीसरे वर्ष की छात्रा है। घरवालों ने कहा कि वह दो दिन से सोयी नहीं है। दिन-रात युद्ध की खबरों पर ही नजर गड़ायी रहती थी। युद्ध के हालात पैदा होते ही उन्होंने दिव्या से घर लौटने को कहा था। उस समय परीक्षाएं चल रही थीं, इस वजह से वह वापस नहीं लौट पायी।
बदतर है यूक्रेन के हालात
दिव्या ने बताया कि यूक्रेन के हालात बद से बदतर है। पूरे देश में दहशत व खौफ का मंजर है। लोग जान बचाने के लिए बंकरों में रह रहे हैं। सरकार ने आम नागरिकों को भी हथियार सौंप दिया है। रिहाईशी इलाकों में बमबारी हो रही है। भारत समेत कई देशों के हजारों नागरिक बंकरों में फंसे पड़े हैं। हालांकि, भारत के तिरंगे झंडे को देखकर उन्हें न तो यूक्रेन के सैनिकों ने रोका न रुस के। उसके साथ बिहार के पांच अन्य छात्र भी घर लौटे हैं।
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