Home Bihar मोतिहारी परीक्षा केंद्र: कहां तो तय था चिरागां हरेक घर के लिए, कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए

मोतिहारी परीक्षा केंद्र: कहां तो तय था चिरागां हरेक घर के लिए, कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए

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मोतिहारी परीक्षा केंद्र: कहां तो तय था चिरागां हरेक घर के लिए, कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए

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मोतिहारी. परीक्षाओं को लेकर बिहार अक्सर चर्चा में आ जाता है. कभी अपने फर्जी रिजल्ट की वजह से तो कभी परीक्षाओं में कदाचार को लेकर. आपको याद होगी बिहार की वह तस्वीर जो परीक्षा में कदाचार के लिए बाहर से की जा रही मदद के दौरान खींची गई थी. स्कूल की बिल्डिग की बाहरी दीवार पर दोमंजिल की ऊंचाई तक लटके हुए लोग भूले नहीं भुलाए जाते. यह तस्वीर खूब वायरल हुई थी. हालांकि लोग यह जानते हैं कि वह तस्वीर बिहार की प्रतिनिधि तस्वीर नहीं थी. इस बार मोतिहारी में आयोजित इंटर की परीक्षा में कुछ ऐसा हुआ कि एकबार फिर बिहार की परीक्षा चर्चा का विषय बन गई हैं.

जी हां, सरकार चाहे राज्य की हो या केंद्र की, वह उजले विकास के दावे इतने पुख्ता तरीके से करती है कि सहज ही उसपर भरोसा कर लेने का जी चाहता है. मगर ऐन वक्त कुछ ऐसा घट जाता है कि सरकार के दावे खोखले नजर आते हैं. हिंदी गजलगो दुष्यंत कुमार की गजल का शेर अगर उधार लेकर कहा जाए तो कहना पड़ता है – कहां तो तय था चिरागां हरेक घर के लिए, कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए. मोतिहारी नगर से सटे महाराजा हरेंद्र किशोर कॉलेज मंगलवार को इंटर का परीक्षा केंद्र बनाया गया था. लेकिन इस केंद्र में दूसरी पाली तक परीक्षा की कॉपी और प्रश्नपत्र नहीं पहुंच पाए थे. इसे लेकर परीक्षार्थियों और अभिभावकों ने जब हंगामा किया तो किसी तरह प्रश्नपत्र और कॉपी सेंटर पर पहुंचाया गया.

इसके बाद कड़ाके की ठंड के बीच शाम 4:30 बजे परीक्षा शुरू हुई. जाड़े का मौसम होने के कारण जल्दी ही सेंटर पर अंधेरा घिरने लगा. कॉलेज में बिजली नहीं थी, नतीजा परीक्षा केंद्र अंधेर में डूबने लगा. जब इस स्थिति में परीक्षा हो रही थी तो अभिभावक और परीक्षार्थी रोष में थे. इसकी जानकारी मिलते ही सदर अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. वहां का नजारा उन्होंने खुद देखा कि कैसे अंधेरे में परीक्षार्थियों को बैठाकर परीक्षा ली जा रही है. अधिकारियों के पहुंचने तक परीक्षा केंद्र में रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं थी. नतीजतन परीक्षार्थियों को परीक्षा रूम से बाहर निकाला गया और केंद्र के बरामदे में टेबुल-बेंच लगाया गया. फिर अंधेरे में रोशनी की व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों की गाड़ियों की लाइट जलाई गई और इसी रोशनी में परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी. ऐसी ही हालत में मोतिहारी के इस सेंटर पर बच्चों की परीक्षा देर रात 9 बजे तक चली.

बता दें कि मंगलवार को पूर्वी चंपारण जिला के 54 परीक्षा केंद्रों पर दोनों पालियों में परीक्षाएं शुरू हुई हैं. पहले ही दिन मोतिहारी नगर से सटे महाराजा हरेंद्र किशोर कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर कुव्यवस्था सामने आई. इस कुव्यवस्था के लिए परीक्षा केंद्र के अधीक्षक को दोषी मानते हुए डीएम के आदेश पर तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. साथ ही डीएम ने पूरे मामले की जांच के लिए डीइओं को निर्देश दिया है. मोतिहारी के सदर एसडीओ सौरभ सुमन यादव ने कहा कि सिटिंग व्यवस्था दुरुस्त न होने के कारण परीक्षार्थियों की परीक्षा विलंब से शुरू हुई. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र के कमरों में लाइट की पूरी व्यवस्था थी, लेकिन कॉलेज परिसर में लाइट न होने के कारण अधिकारियों की गाडियों की लाइट जलाकर रोशनी की गई.

आपके शहर से (मोतिहारी)

Tags: Bihar education, Bihar School Examination Board, Motihari news

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