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उपेंद्र कुशवाहा की राजनीति बदली
राज्य के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार से बिहार के विकास का सपना टूटा। उपेंद्र कुशवाहा जिस रथ पर सवार हो कर अपनी भीष्म प्रतिज्ञा को पूरा करना चाहते हैं। उस राजनीति के आधार भी वही हैं। मसलन जंगल राज के विरुद्ध विकास और सुशासन का राज। विकास के लिए विशेष राज्य के दर्जा की राह। और सही अनुपात में भागीदारी को जातीय जनगणना। उपेंद्र कुशवाहा ने बापू सभागार में नीतीश कुमार के उस व्यक्तित्व पर हमला बोला जो राजद की भाषा बोलने लगे हैं। नीतीश कुमार ने जिन नीतियों के सहारे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जैसे जमीनी आधार वाले नेता का किला भेदा। वे इसी नीति के साथ हैं। दरअसल नीतीश कुमार ने यादव माइनस पिछड़ी जाति की राजनीति के साथ सवर्ण वोट का तड़का लगा कर राजद के अभेद्य किला को भेद डाला था। उसी समीकरण में रालोजद की राजनीति को आगाज देना चाह रहे हैं। इस रणनीति में भाजपा के साथ का भी अक्स देख रहे हैं।
भाजपा के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर
उपेंद्र कुशवाहा ने आज भाजपा के उस निर्णय का स्वागत किया जिसमे बिहार की बागडोर सम्राट चौधरी को सौंपते प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने मंच से सम्राट चौधरी को बधाई देते कहा कि अब जदयू जल्दी टूट कर बिखर जायेगा। कुछ लोग ऐसे हैं जो कहते हैं कि सम्राट चौधरी प्रदेश अध्यक्ष भाजपा के बने हैं तो उपेंद्र कुशवाहा और उनमें नहीं पटेगी। ऐसी कोई बात नहीं है। अब 20वीं सदी की बात नहीं है। अब 22वीं सदी आ गई है। ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। सभी पार्टियां अपने-अपने तरह से राजनीति करती है। सम्राट चौधरी को अध्यक्ष बनाना भाजपा का एक अच्छा कदम है।
हमले का कोण नीतीश ही बनें
सम्राट अशोक की जयंती के बहाने उपेंद्र कुशवाहा ने शक्ति प्रदर्शन करते साफ कहा कि नीतीश कुमार के द्वारा राजद को विरासत सौंपने की बात न तो राज्य की अधिकांश जनता को पसंद है और न मुझे। हम तो उनके साथ इसीलिए गए थे कि हमें लगा था तो वह बिहार को आगे बढ़ाएंगे, जो उनकी पहली नीति थी। उसी नीति के अनुसार काम करेंगे। लेकिन कुछ दिन के बाद नीतीश कुमार बदल गए और राष्ट्रीय जनता दल का गुणगान करने लगे। उसके बाद हमने निर्णय लिया यह बात ठीक नहीं है। जिन लोगों ने पहले बिहार को बर्बाद किया आज उसी के साथ नीतीश कुमार हो गए हैं और उसी का गुणगान कर रहे हैं। उसको अपना उत्तराधिकारी बनाने को तैयार हैं। यही कारण रहा कि हम अलग हुए। अब जनता दल यूनाइटेड नाम की पार्टी बच गई है।
माफी मांगा और शक्ति भी
आज के शक्ति प्रदर्शन में उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी और उपस्थित ,समर्पित कार्यकर्ता से राजनीतिक ताकत भी। सम्राट अशोक की कसम खाकर कहता हूं कि मैं कहीं नहीं जाऊंगा। हमने अपनी पार्टी बना ली है। इस पार्टी के भरोसे राजनीति करनी है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी का भी एजेंडा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले और इसको लेकर भी हम लोग काम करेंगे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जदयू से अलग होने के बाद सम्राट अशोक की जयंती पर जो प्रदर्शन किया है उसमें उनके समर्थकों का विश्वास झलका है। उनका अपना जो स्वतंत्र छवि थी उसके अनुकूल भीड़ तंत्र का होना यह बताता है कि उनमें राजनीति बची हुई है। अब इतना तो तय है कि बिहार की राजनीति के जो प्लेटफार्म है उसके आधार पर एनडीए के फोल्डर में जाते दिख रहे हैं। लेकिन यहां भी उपेंद्र कुशवाहा के लिए असहज करने वाली स्थिति यह है कि भाजपा ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। ऐसे में ये मिल कर बिना एक दूसरे के इमेज को खंडित किए बिना काम करते हैं तो एनडीए की राजनीति के लिए ठीक होगा। लेकिन वर्तमान राजनीति का तकाजा भी है कि उपेंद्र कुशवाहा का इधर से उधर और फिर उधर से इधर वाली छवि से मुक्त होना होगा। यह उनके लिए चुनौती भी होगी।
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