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पटना. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahni Termination) को लेकर भाजपा बेहद आक्रामक थी और भाजपा की लिखित अनुशंसा पर मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने की अनुशंसा नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राज्यपाल से कर दी है, इसके साथ ही बिहार की राजनीति में ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या नीतीश कुमार भाजपा के दबाव में हैं. ये सवाल इस लिए भी उठ रहा है क्योंकि मुकेश सहनी को लेकर JDU कोटा के कई मंत्रियों जिसमें अशोक चौधरी, श्रवण कुमार, मदन सहनी जैसे बड़े नेता शामिल हैं.
जेडीयू के मंत्रियों ने सॉफ्ट बयान दिए थे और कहा था कि मुकेश सहनी के साथ ठीक नही हो रहा है. मुकेश सहनी अति पिछड़ा समाज के बेटा हैं और विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने NDA के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. JDU नेता और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान ने तो यहां तक कह दिया था कि मुकेश सहनी मंत्रिमंडल में बने रहेंगे और पूरे पांच साल तक रहेंगे. JDU उन्हें मंत्री बनाए रखेगा लेकिन इन सब के बावजूद आख़िरकार भाजपा के दबाव के साथ साथ अनुशंसा ने मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाने को नीतीश कुमार को फैसला लेना ही पड़ा.
सहनी बनाम बीजेपी के इस पूरे घटनाक्रम में JDU ये दिखाना चाहता थी कि ये फैसला भाजपा का फैसला है लेकिन JDU की पूरी सहानुभूति मुकेश सहनी के साथ है. इसकी बानगी भी तब दिखी जब रविवार देर शाम सीएम नीतीश कुमार ने मुकेश सहनी को हटाने संबंधी अनुशंसा की. इसको लेकर एक पत्र जारी किया गया है, I&PRD and CMO WEB Media की प्रेस रिलीज जारी किया गया जिसमे जो बातें लिखी हुई थी वो साफ-साफ इशारा कर रही है कि फैसला किसके कहने पर लिया गया है…जो बातें प्रेस रिलीज़ के माध्यम से जारी किया गया वो इस तरह से है…
पशु एंव मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी मंत्री पद से हटेंगे. भाजपा ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को लिखित तौर पर की थी अनुशंसा – मुकेश सहनी अब NDA का हिस्सा नहीं हैं. भाजपा की लिखित अनुशंसा पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को भेजी सिफारिश. क्या नीतीश कुमार भाजपा के दबाव में हैं, इस बारे में जब JDU के मुख्य प्रवक्ता और MLC नीरज कुमार से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि नीतीश कुमार दबाव की राजनीति कभी बर्दाश्त नहीं करते हैं.
नीरज कुमार ने कहा कि आप नीतीश कुमार का ट्रैक रिकॉर्ड देखकर समझ सकते हैं. मुकेश सहनी भाजपा कोटे से मंत्री बने थे और भाजपा अब मुकेश सहनी से नाराज है और मुकेश सहनी को अपने कोटे से मंत्री नहीं बनाना चाहती है और उन्होंने सीएम से मुकेश सहनी को हटाने की अनुशंसा की जिसे मुख्यमंत्री ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए राज्यपाल को अनुशंसा कर दिया इसमे दबाव जैसी तो कोई बात नहीं है और जनता ने जो मैंडेट दिया है उसे भी तो देखना है.
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल कहते हैं कि ये आरोप गलत है कि नीतीश कुमार भाजपा के दबाव में हैं. प्रेम रंजन पटेल कहते हैं कि भाजपा ने अपने कोटे से मुकेश सहनी को मंत्री बनाया था लेकिन मुकेश सहनी ने उस धर्म का पालन नहीं किया. इसके बाद भाजपा के सामने कोई चारा नहीं था और हमारी पार्टी ने उन्हें मंत्री से हटाने का फ़ैसला कर लिया जिसे नीतीश कुमार ने मान लिया .
आपके शहर से (पटना)
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