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प्रेमी ने साजिश कर प्रेमिका के पति को मार डाला और आरोप भाई पर लगाती रही महिला।
– फोटो : अमर उजाला
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फूलकुमारी दहाड़ मारकर रो रही थी। पहले पति की गुमशुदगी या अपहरण के नाम पर, फिर उसके नहीं मिलने के नाम पर। उसके गम और आंसुओं को देख कोई शक नहीं कर सकता था। हत्या की बात सामने आ गई तो बार-बार हत्यारे का नाम ‘राजकुमार’ बताने लगी। वह नाम सही ले रही थी, लेकिन सौतेले भाई ‘राजकुमार’ को फंसा रही थी। जबकि, हत्यारे का नाम भी राजकुमार ही है और उसी की निशानदेही पर लाश बरामद हुई। यह हत्यारा लंबे समय से उसका प्रेमी रहा है। हत्या की साजिश में फूलकुमारी की भी संलिप्तता सामने आई है। मामला बेगूसराय जिले का है। मृतक डंडारी थाना क्षेत्र के बलहा का रहने वाला था।
मोबाइल कॉल डिटेल ने सारी कहानी खोल दी
अपहरण कर हत्या की पूरी साजिश की जमीनी शुरुआत 2 दिसंबर को हुई थी। फूलकुमारी बेगूसराय शहर के जीडी कॉलेज में बी.एससी. के बॉटनी प्रैक्टिकल का एग्जाम देकर बाहर निकली तो उसे पति नीतीश कुमार नहीं मिला। उसने अपने मामा और बाकी परिजनों को खबर दी कि बाइक है, नीतीश यहां नहीं। उसी दिन थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गई। 2 दिसंबर की शाम से 5 दिसंबर की शाम तक कुछ पता नहीं चला, लेकिन पुलिस ने जब नीतीश और उसकी पत्नी फूलकुमारी का मोबाइल कॉल रिकॉर्ड निकाला तो सामने आया कि फूलकुमारी की राजकुमार नाम के एक युवक से लंबी बातचीत होती रही है। राजकुमार के अलावा भी एक युवक से उसकी बातचीत के प्रमाण मिले। इसके बाद पुलिस ने राजकुमार को ट्रैक किया तो कड़ाई से पूछताछ में उसने न सिर्फ नीतीश की हत्या की बात स्वीकारी, बल्कि पुलिस को लाश के बारे में बता दिया कि साहेबपुर कमाल के रहुआ में फेंकी गई है। उसने फूलकुमारी से अपने संबंध और इस हत्या की साजिश में उसकी संलिप्तता की भी कहानी बता दी।
और फूलकुमारी सौतेले भाई को फंसा रही थी
नीतीश के अपहरण के बाद से ही फूलकुमारी इसकी अलग कहानी सुना रही थी। यहां तक कि लाश मिलने की जानकारी पर भी वह उसी कहानी पर कायम रहते हुए सौतेले भाई और भाभी पर आरोप लगा रही थी। फूलकुमारी का कहना था कि उसके पिता सुनील सिंह की पहली पत्नी का बेटा राजकुमार जमीन हड़पने के लिए पत्नी के साथ उसे हमेशा परेशान कर रहा था। उसी ने कमजोर करने और जमीन से ध्यान भटकाने की नीयत से मेरे पति की हत्या कर दी।
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