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Anand Mohan: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर जेडीयू ने बीजेपी पर निशाना साधा है। जेडीयू ने कहा कि पहले बीजेपी ने ही आनंद मोहन की रिहाई की वकालत की थी। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह फैसला केंद्र सरकार के मॉडल जेल मैनुअल के अनुसार लिया गया।
हाइलाइट्स
- केंद्र सरकार के मॉडल जेल मैनुअल का किया गया पालन
- 15 साल से अधिक समय सलाखों के पीछे बिताने पर रिहाई हुई
- अरविंद केजरीवाल का नीतीश कुमार ने किया बचाव
केंद्र सरकार के मॉडल जेल मैनुअल का किया गया पालन
पटना में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार सरकार के फैसले को उचित करार दिया। उन्हांने बीजेपी का नाम लिए बिना उनकी ओर इशारा करते हुए कहा-‘मुझे आश्चर्य है कि जेल से रिहा हुए 27 कैदियों में से सिर्फ एक व्यक्ति के बारे में इतनी चर्चा की जा रही है।’ जेल नियमों में संशोधन को लेकर निशाने पर आए नीतीश ने कहा कि जिन लोगों को इससे समस्या हो रही है उन्हें पता होना चाहिए कि ऐसा क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने 2016 में केंद्र सरकार की ओर से लाए गए मॉडल जेल मैनुअल का पालन किया है। इस मॉडल जेल मैनुअल में हत्या के आरोपियों को अलग-अलग श्रेणियों में नहीं रखा है।
15 साल से अधिक समय सलाखों के पीछे बिताने पर रिहाई हुई
सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि आनंद मोहन को ‘15 साल से अधिक समय सलाखों के पीछे बिताने के बाद ही रिहा किया गया है, जो आजीवन कारावास के दोषियों के लिए निर्धारित 14 वर्ष की सजा से अधिक है।’ उन्होंने भाजपा के इस आरोप पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि राजपूत जाति से संबंध रखने वाले बाहुबली नेता आनंद मोहन को मुक्त करके ‘महागठबंधन’ चुनाव में उनका उपयोग करेगा।
अरविंद केजरीवाल का नीतीश कुमार ने किया बचाव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण पर भारी खर्च को लेकर अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधने के लिए भाजपा की निंदा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली और दूसरे राज्यों में चुनाव जीतने वालों पर इसी तरह निशाना साधा जाता है। जिन राज्यों में जो मजबूत हैं, उनकी इस तरह आलोचना होती रहती है। वे किसी भी व्यक्ति पर इस तरह कीचड़ उछालने का समर्थन नहीं करते।
आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। कृष्णैया को 1994 में एक भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था। सहरसा जिले की एक जेल में बंद रहे आनंद की रिहाई का कृष्णैया के हैदराबाद में रहने वाले परिवार और आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने विरोध किया है।
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